
शासकीय जमीनों पर मनमर्जी से काबिज हो रहे हैं लोग,प्रशासन मौन
सीताराम नायक
जांजगीर चांपा। जिला मुख्यालय से महज तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत सरखो में शासकीय जमीन पर बेेजा कब्जा करने वालों की बाढ़ आ गई है। इससे जहां मवेशियों के लिए चरागन की समस्या उत्पन्न हो गई है वहीं गांव के बाहर से आए हुए लोग मन माफिक घर बनाने के साथ-साथ बाड़ी आदि भी बनाने लगे हैं जिसके कारण ग्राम सरखो के अंदर लोगों में आक्रोश पनप ने लगा है । वहीं प्रशासन इस अति क्रमण को देखने का नाम नहीं ले रही है।
विशेष कर मड़वा पावर प्लांट से राखड़ डैम के लिए बिछाई गई पाइप लाइन के किनारे किनारे उक्त बेजा कब्जाधारी शासकीय जमीनों पर खुलेआम कब्जा करने लगे हैं जो शासन को ठेंगा दिखाते हुए अनवरत घरों का निर्माण कर रहे हैं इससे स्थानीय निवासी लोगों में आक्रोश बढऩे लगा है।
सबसे ध्यान देने वाली बात यह है कि सडक़ पारा जहां पर शराब दुकान का संचालन हो रहा है वहां कुछ वर्ष पहले शराब भट्टी के बगल में चखना घर का निर्माण अवैध किया गया था जिसकी शिकायत गांव के लोगों ने सार्वजनिक रूप से कलेक्टर एवं एसडीएम से की थी लेकिन यह घर अब तक आबाद है। अब यह एक तरह से दारू पीने और चकना बेचने का अड्डा बन गया है जो भेजा कब्जा में होने के बाद भी लोगों को यहां बैठाकर शराब पिलाया जा रहा है। इसी तरह सडक़ किनारे, किनारे और भी अनेक घर बन गए हैं जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। रघुनंदन राठौर एवं भागवत राठौर नामक व्यक्ति ने यहां जो भेजा कब्जा किया था उसके देखा देखी अब अनेक लोग यहां सडक़ किनारे एवं पाइपलाइन के किनारे घरों का निर्माण करते जा रहे हैं जिसके कारण स्थानीय निवासियों को तकलीफ होना स्वाभाविक है। कुछ बेजाकब्जा धारी ऐसे हैं जो गांव के ही दामाद है जो अन्य गांव से आकर यहां बेजाकब्जा करके मकान बनाते जा रहे हैं इसके अलावा कुछ ऐसे लोग हैं जो दूसरे गांव से यहां आकर बसे हैं किंतु गांव सलाह के बगैर वह मनमाने तरीके से शासकीय जमीनों पर कब्जा कर घर बना लिए हैं जिसके देखा देखी अब बेजाकब्जा करने वालों की एक बस्ती भी बनती जा रही है।
सबसे दुखद बात यह है कि इन बेजाकब्जा धारियों द्वारा गांव के लोगों द्वारा मना करने पर उन्हें धमकी दिया जाता है साथ ही साथ में दादागिरी कर गांव में अराजकता की स्थिति निर्मित करने लगे हैं जिसके कारण ग्राम सरखो के स्थानीय निवासी उनसे उलझना उचित नहीं समझते, नतीजा उनका मनोबल बढऩे लगा है।
पिछले वर्ष जब ग्राम सरखो के लोगों ने इन बेजा कब्जा करने वाले लोगों की शिकायत जिलाधीश से की थी और इन्हें बेदखल करने के लिए प्रशासन के समक्ष अर्जी लगाई थी। तब तत्कालीन तहसीलदार ने संबंधित लोगों से मिली भगत कर एवं उनसे स्वार्थ सिद्ध करते हुए इन्हे बेदखल करने के बजाय टाल मटोल करते हुए उन्हें छोड़ दिए। और आज पर्यंत तक बेजाकब्जा नहीं हटाया गया है। अब ग्राम पंचायत सरखो के आम नागरिक लोग आक्रोशित होकर कलेक्टर कार्यालय एवं एसडीएम कार्यालय का घेराव करने की तैयारी कर रहे हैं जो प्रशासन को किसी भी तरह से हटाने के लिए विवश करेंगे ऐसा उनका विचार चल रहा है। लेकिन उचित यही है कि कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने एवं धन जन हानि होने से पहले जिला प्रशासन को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए शासकीय जमीन को मुक्त करना चाहिए ताकि ग्राम पंचायत सरखो का अंतर्कलह शांत हो सके।