तेल अवीव, २० अगस्त।
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम की कोशिशें जारी हैं। ताजा दौर की वार्ता से अमेरिका को काफी उम्मीदें हैं। दोहा में गुरुवार और शुक्रवार को दो दिन वार्ता चली, अब आगे की वार्ता काहिरा में अगले हफ्ते शुरू होगी। मध्यस्थों ने वार्ता को सही दिशा में बताया है। हालांकि, हमास ने दोहा वार्ता के ताजा प्रस्ताव में इजरायल की शर्तों को मानने का आरोप लगाते हुए इसकी आलोचना की है। वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से पश्चिम एशिया की अपनी नौवीं यात्रा पर रविवार को इजरायल पहुंच गए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि वर्तमान गाजा युद्धविराम वार्ता और बंधकों की रिहाई को लेकर इजरायल और हमास के पास संभवत: यह अंतिम मौका है। गाजा युद्धविराम वार्ता को उसके अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश में अमेरिका लगा हुआ है। विदेश मंत्री ब्लिंकन सोमवार को पीएम नेतन्याहू, राष्ट्रपति हरजोग समेत इजरायली नेताओं से मिल रहे हैं। इसके बाद वह मंगलवार को काहिरा रवाना हो जाएंगे। ब्लिंकन ने इजरायली राष्ट्रपति इसाक हरजोग से मुलाकात की। हरजोग ने ङ्क्षब्लकन से बातचीत की शुरुआत हमास पर यह आरोप लगाते हुए शुरू की कि वह बंधकों की रिहाई में आनकानी कर वार्ता को विफल बनाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने वार्ता में सहयोग को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ ही मिस्त्र और कतर की भी प्रशंसा की। वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि यह युद्ध का एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे पहले नेतन्याहू ने कैबिनेट की बैठक की। उन्होंने कहा कि वार्ता को सफल बनाने के लिए कुछ क्षेत्रों में लचीला रुख अपना सकता है।
तेल अवीव में हमास ने किया विस्फोट, एक की मौतयुद्धविराम वार्ता के बीच इजरायल के तेल अवीव में रविवार रात एक शक्तिशाली बम विस्फोट में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक घायल हो गया। इजरायल ने इसे आतंकी हमला बताया है। इस विस्फोट की जिम्मेदारी हमास और इस्लामिक जिहाद ने ली है।इजरायली पुलिस घटना की जांच कर रही है। इसी तरह इजरायली सेना ने कहा है कि सोमवार को लेबनान की सीमा से सटे उत्तरी इजरायल में हुए हमले में उसके एक सैनिक की मौत हो गई और एक घायल है। दूसरी ओर, तुर्किये की राजधानी इस्तांबुल में हुई गोलीबारी में एक फलस्तीनी की मौत हो गई और दो घायल हो गए। पिछले वर्ष 33 देशों में 280 यूएन राहतकर्मी संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामले समन्वय कार्यालय के अनुसार, 2023 में 33 देशों में संघर्ष के दौरान 280 राहत कर्मी मारे गए हैं। यह इससे पहले के वर्ष के 118 के मुकाबले दोगुने से अधिक है। यूएन ने कहा कि पिछले वर्ष मारे गए कुल लोगों में आधे से अधिक इजरायल-हमास युद्ध में मारे गए। यहां इस वर्ष सात अगस्त तक 172 राहत कर्मियों की जान गई है।