
कोरबा। निर्माणाधीन नेशनल हाईवे 49बी में बारिश के बाद कीचड़ की समस्या ने कई क्षेत्रों के लोगों को मुश्किल में डाल दिया है। ग्रामीण इलाकों के करीब दलदल के हालात बनने से आवागमन करना काफी असुविधाजनक हो गया है। लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए अनावश्यक लंबा फेरा लगाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
कोरबा-चांपा नेशनल हाईवे सडक़ कब तक पूरी हो सकेगी, इस बारे में कहा जाना संभव नहीं है। एनएचएआई ने यह काम भोपाल की दिलीप बिल्डकॉन को सौंपा है। खबरों के मुताबिक निर्माण कार्य में कई प्रकार की खामी और विलंब के कारण मड़वारानी ,बरपाली उरगा में मार्ग कीचड़ से सराबोर है। बसों ,छोटे वाहन चालकों एवं टू व्हीलर चालकों को 8 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है। तब कहीं जाकर लोग पहंदा -तिलकेजा होते हुए सक्ति -तुमान मार्ग में भैसमा से उरगा पहुंच पा रहे हैं। कीचड़ से अटे बरपाली चौक में स्कूल,कॉलेज के छात्र -छात्राओं, व्यापारियों, किसानों ,कर्मचारियों समेत आमजनों को भारी वाहनों के आवागमन के बीच जोखिम भरी स्थिति में आवाजाही करनी पड़ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग चाम्पा से कटघोरा तक फोरलेन सडक़ के प्रथम चरण में चाम्पा से उरगा 38 किलोमीटर का निर्माण जारी है। करीब 1000 करोड़ के का यह प्रोजेक्ट ढाई साल का है । इस मार्ग पर 56 पुल-पुलिया समेत अंडरपास का निर्माण करना है जिसके लिए बगल से डामरीकृत डायवर्सन सडक़ का निर्माण पहले करना है और उसके पश्चात ही पुलिया का कार्य शुरू किया जाना है। इसके विपरीत फोरलेन के निर्माण में लगी हरियाणा की ठेका कंपनी डायमंड कंस्ट्रक्शन के ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधा देखते हुए गिट्टी वाला डायवर्सन सडक़ बनाकर पुलिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया । जबकि नेशनल हाइवे-149बी के एसओपी में उल्लेखित है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट व एसओपी के अनुसार डायवर्टेड मार्ग को डामरीकरण कराया जाना था।