मुंबई, 2९ अगस्त।
महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के मामले में राजनीति अब तेज हो गई। सत्ताधारी महायुति की घटक दल एनसीपी इस मुद्दे पर आज प्रदर्शन करने जा रही है। डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने प्रदेशभर में मौन धरना आयोजित करने का ऐलान किया है।
एनसीपी की राज्य इकाई के प्रमुख सुनील तटकरे ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए एक पत्र जारी किया है। इसमें सभी से आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए कहा गया है। तटकरे ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा है कि वे मूर्ति के गिरने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर मौन विरोध प्रदर्शन में शामिल हों और तहसीलदार और जिला कलेक्टर को पार्टी का ज्ञापन सौंपें। सरकार को छत्रपति शिवाजी महाराज की एक नई और भव्य प्रतिमा और एक स्मारक बनवाना चाहिए, जिससे मराठा योद्धा और भारतीय इतिहास की दिशा बदलने वाले महान नेता को श्रद्धांजलि दी जा सके।डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष से इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की अपील की है।
वहीं, उनके गठबंधन में शामिल एनसीपी प्रदर्शन करने जा रही है। एनसीपी के इस कदम से भाजपा और शिवसेना हैरान हैं। एनसीपी ने ये फैसला ऐसे समय लिया है जब विपक्षी दल बीजेपी सरकार पर प्रतिमा को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं।
इससे पहले, अजित पवार ने शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर खेद व्यक्त किया और माफी भी मांगी। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की विशाल प्रतिमा का टूटना हम सबके लिए दुखद है। शिवाजी महाराज हमारे लिए भगवान हैं। मैं इसके लिए महाराष्ट्र की 13 करोड़ जनता से माफी मांगता हूं।