बिलासपुर। बिलासपुर जिले में मिले एक लाख 14 हजार आवेदनों की जांच के बाद पुलिस ने 22 प्रकरण में अपराध दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो 22 प्रकरण में चालान पेश हो चुका हैं। हाल में एक आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उससे आठ प्रकरण का खुलासा हुआ है। 11 मामले में कुर्की प्रक्रिया शुरू होने की बात अधिकारी कह रहे हैं।
वर्ष 2014 से 2018 तक चिटफंड की आड में रकम दुगना व तीन गुना रुपये देने का झांसा देकर जिले से 292 करोड़ की ठगी का खुलासा हुआ था। धोखाधड़ी के मामले में आरोपितों के भागने के बाद लोगों ने थानों में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी। उनके साथ न्याय करने व रुपये लौटाने का वादा कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार सत्ता में आई थी। तब चिटफंड पीड़ितों के आवेदन के आधार पर पता चला कि जिले में एक लाख 14 हजार आवेदकों से 292 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी होने का पता चला था। पुलिस ने समीक्षा के बाद मिले आवेदन के आधार पर लगभग 22 प्रकरण में अपराध दर्ज चालान पेश किया था। कुछ मामलों में आरोपितों की मौत हो चुकी थी। अन्य मामलों में चिटफंड के डायरेक्टर दूसरे जिलों या राज्यों की जेल में बंद थे। उन्हें बाद में न्यायालय से राहत मिल गई थी। पुलिस ने हाल में चिटफंड की ठगी के एक आरोपित अरुण वर्मा को गिरफ्तार किया है, जिससे आठ प्रकरण में खुलासा हुआ है। वहीं एक अन्य प्रकरण में बिलासपुर के दो व गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले के एक मामले में आरोपित के खिलाफ अपराध दर्ज है। वहीं उसे न्यायालय से राहत मिली हुई है।