लखनऊ, २९ सितम्बर ।
बहराइच की हजरत गाजी सलार मसूद की दरगाह आरटीआई के दायरे में आती है या नहीं, इसे लेकर 11 याचिकाओं की सुनवाई कर रहे राज्य सूचना आयोग के सामने उत्तर प्रदेश सुन्नी वक्फ बोर्ड दूसरा हलफनामा देकर फंस गया। बोर्ड के सीईओ ने सूचना आयुक्त मोहम्मद नदीम की पीठ के सामने पेश होकर हलफनामा दिया कि हम दरगाह को आरटीआई के तहत सूचना देने के लिये बाध्य नहीं कर सकते। जबकि बोर्ड ने छह सितंबर को पिछले हलफनामे में कहा था कि दरगाह उसके नियंत्रण के अधीन है।
आयोग ने कहा कि अगर दरगाह बोर्ड के नियंत्रण के अधीन नहीं है तो सूचना अधिनियम के तहत उससे जुड़ी सूचनाएं दिलाने के लिए आवेदन क्यों स्वीकार किए गए। आवेदन सिर्फ स्वीकार ही नहीं किए बल्कि उसे दरगाह को भेजकर आवेदकों को सूचनाएं देने के लिए निर्देशित भी किया गया। इस पर बोर्ड के सीईओ मोहम्मद अजीज ने कहा कि यह हमारे जन सूचना अधिकारी की चूक है, हम उसकी चूक के लिए पीठ से माफी चाहते हैं। सूचना आयुक्त नदीम ने कहा कि इस तरह की चालाकी दिखाकर आप लोग बच नहीं सकते।