लखनऊ, 01 अक्टूबर ।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के फ्लैट खरीदारों से ठगी के मामले में हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (एचपीपीएल) के तीन पूर्व निदेशकों से भी पूछताछ की तैयारी कर रहा है। जल्द तीनों को इसी सप्ताह नोटिस जारी कर तलब किया जाएगा। तीनों से नोएडा अथॉरिटी से लीज पर ली गई जमीन का एक हिस्सा दूसरे बिल्डर को बेचे जाने को लेकर सवाल-जवाब किए जाएंगे। ईडी ने मामले में पांच अक्टूबर को पूर्व आइएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह को दोबारा तलब किया है। एचपीपीएल ने लोटस-300 परियोजना के तहत नोएडा अथॉरिटी से वर्ष 2010-11 में भूमि ली थी। भूमि की लीज कंपनी के तत्कालीन प्रमोटर/निदेशक रहे निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी व विदुर भारद्वाज के नाम हुई थी। आरोप है कि निवेशकों से जुटाई गई रकम से 190 करोड़ रुपये दूसरी कंपनियों में डायवर्ट कर हड़प लिए गए थे। इसके अलावा जमीन का एक हिस्सा दूसरे बिल्डर को बेचकर लगभग 236 करोड़ रुपये हड़पे गए थे। सूत्रों का कहना है कि जमीन पहले थ्री-सी डेवलपर्स के नाम की गई थी। इसके बाद जमीन एक कांग्रेस नेता के करीबी प्रतीक समूह को बेची गई थी। ईडी इसे लेकर भी जांच कर रहा है। जमीन बेचकर हासिल रकम का निवेश कहां किया गया था। इसकी भी पड़ताल होगी।
ईडी निवेशकों के 426 करोड़ रुपये हड़पे जाने के मामले में मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच कर रहा है। ईडी ने 17 व 18 सितंबर को एचपीपीएल व क्लाउड नाइन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी व विदुर भारद्वाज के ठिकानों पर भी छानबीन की थी। चंडीगढ़ में नोएडा अथॉरिटी के पूर्व मुख्य कार्यपालक अधिकारी रहे मोहिंदर सिंह के आवास पर भी छापा मारा गया था। ईडी ने 25 सितंबर को मोहिंदर सिंह को पूछताछ के लिए बुलाया था पर वह सामने नहीं आए थे। इसके बाद उन्हें दोबारा नोटिस देकर पांच अक्टूबर को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया है।