दावा- ऊंचाई से गिरने के कारण हुई थी बेहोश, शार्ट पीएम रिपोर्ट की प्रतीक्षा
कोरबा। महिला संबंधी अपराधों की रोकथाम के साथ कई प्रकार की घटनाओं को लेकर नियम कठोर किए गए हैं और अपराधियों को दंडित किया जा रहा है। इन सबके बीच कई मामले ऐसे हो रहे हैं जो सवाल खड़े करते हैं। हरदीबाजार क्षेत्र में एक स्कूली छात्रा की मौत जिस अंदाज में हुई, वह रहस्य बनी हुई है। इसका सच आखिर क्या है, यह हर कोई जानना चाहता है। प्रकरण में शार्ट पीएम रिपोर्ट अप्राप्त है। पुलिस का कहना है कि जांच में आने वाले तथ्य से वास्तविकता साफ होगी।
तीन दिन पहले कोरबा जिले के हरदीबाजार क्षेत्र में यह घटना हुई थी। वहां के एक विद्यालय में हायर सेकेंडरी की छात्रा स्कूल के लिए यूनिफार्म में निकली थी। पूर्ण अवकाश के कुछ देर बाद उसे अपने घर पहुंच जाना था इसके बावजूद काफी समय तक उसके कदम घर पर नहीं पड़े, जिसके बाद परिजन चिंतित हुए और यहां-वहां उसकी तलाश की गई। इस दौरान गांव के आउटर पर मौजूद एक जलप्रदाय ओवरहेड पानी टंकी के नीचे कुछ लोगों ने किशोरी को जिस स्थिति में देखा उससे वे भौचक रह गए। वह असामान्य हालत में थी। कुछ देर में ही परिजनों और पुलिस को इसकी खबर हुई, जिसके बाद छात्रा को घायल स्थिति में अस्पताल भिजवाने की कार्यवाही की गई। उस समय तक यही बात कही जाती रही कि ऊंचाई से गिरने के कारण उसके साथ यह सब हुआ है। पानी टंकी के नीचे छात्रा मिली थी और वहां पर उसकी चप्पल व अन्य चीजें पाई गई। शुरुआती तौर पर इस प्रकार के दावे होते रहे कि संभवत: उपर से छलांग लगाने के कारण छात्रा के साथ ऐसा हुआ। उसे अस्पताल में उपचार देने के साथ कोशिश की गई कि वह चैतन्य हो लेकिन ऐसा नहीं हो सका और न ही उससे कोई पूछताछ हो सकी। इस बीच रविवार को छात्रा की सांसें हमेशा के लिए बंद हो गई और घटना से जुड़ा हुआ रहस्य एक तरह से दबा रह गया।इस मामले को लेकर इस तरह की अपुष्ट जानकारी मिली है कि छात्रा के संवेदनशील हिस्से को लहूलुहान पाया गया। ऐसा आखिर क्यों हुआ, इसका कोई कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि जहां तक उसकी बेहोशी का सवाल है वह ऊंचाई से गिरने की वजह हो सकती है। अन्य मामले इन्वेस्टीगेशन से संबंधित हैं और उनक रिपोर्ट आने पर ही सही तथ्य साफ हो सकेंगे। वहीं अपने आपमें गंभीर इस मामले में घटना के 12 घंटे से ज्यादा का समय होने पर भी शार्ट पीएम रिपोर्ट उस डॉक्टर के द्वारा पुलिस को उपलब्ध नहीं कराई गई है जिसने मृत छात्रा के शव का परीक्षण किया है। सामाजिक क्षेत्र में काम करने वाले चिंतनशील लोगों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को लेकर जांच प्रक्रिया में कई प्रकार के सुधार की आवश्यकता है। इसके साथ ही ऐसी घटनाओं में जांच के बाद आपराधिक तत्वों की भूमिका स्पष्ट होने पर उन्हें अत्यंत कठोर डंड देना जरूरी है तभी आगे तस्वीर कुछ बदल सकेगी।

RO No. 13467/7