मंदिर में पूजा पाठ के साथ अभ्यास करने से हुआ सेना में चयन
कोरबा, जमनीपाली। दृढ़ निश्चय के आगे कुछ भी असंभव नहीं है। एनटीपीसी जमनिपाली के शिव मंदिर में पूजा पाठ के काम से जुड़े रोहित द्विवेदी का चयन भारतीय सेवा में धर्म शिक्षक के रूप में हो गया है। वह शस्त्र भी संभालेंगे और शास्त्र भी। सेना में चयन होने के बाद पहली बार जमणिपाली आने पर उनका भव्य स्वागत हुआ।
पिछले 7 वर्ष से रोहित द्विवेदी जमनिपाली मैं रहने के साथ मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना से जुड़े हुए थे। इसी के साथ उन्होंने मानसरोवर स्टेडियम में पूर्व सैनिकों के संगठन के द्वारा दी जा रही निशुल्क ट्रेनिंग को ज्वाइन किया और आखिरकार भारतीय सेना में जाने के सपने को सच कर दिखाया। उनके सम्मान में मंदिर में कार्यक्रम रखा गया। स्वागत कार्यक्रम में लोगों के द्वारा जय घोष किया गया। मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से कहा गया कि रोहित सेवा में अपने कर्तव्य के साथ सैनिकों को धर्म की शिक्षा देने का काम भी करेंगे।
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के रहने वाले रोहित द्विवेदी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले वह अपनी मां के साथ ट्रेन में सफर कर रहे थे, तब एक सैनिक को देखकर संकल्प लिया गया कि एक दिन उन्हें भी यही वर्दी पहननी है अपने देश के लिए।
भारतीय थल सेना का हिस्सा बनने से प्रसन्नचित रोहित ने मीडिया के सवालों के जवाब में बताया कि अपने संकल्प को पूरा करने के लिए उन्होंने मंदिर में पूजा पाठ और अन्य काम करने के बीच शारीरिक अभ्यास जारी रखा। सात बार असफलता मिली और सबसे अंतिम बार तो केवल कुछ सेकंड का ही अंतर रह गया था। फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और मानसरोवर स्टेडियम में पूर्व सैनिक संगठन के द्वारा कराके जा रहे अभ्यास में शामिल होने के साथ तकनीकी गलतियों को दूर किया।
पूर्व सैनिक संगठन के एक सदस्य ने बताया कि वह युवाओं को मिलिट्री में जाने के लिए लगातार प्रोत्साहित कर रहे हैं और उन्हें आवश्यक जानकारी भी दे रहे हैं। खुशी इस बात की है कि पूरे मन से अभ्यास में रुचि लेने वालों को सफलता मिल रही है।भगवान के प्रति समर्पण रखने वाले रोहित द्विवेदी ने भविष्य संवारने और राष्ट्र के प्रति अपने सरोकारों दिखाने के लिए जो इच्छा शक्ति दिखाई ,उसके नतीजन वे सेना में धर्म शिक्षक बन गए है। याद रखना होगा कि दूसरे विभागों की नौकरियों में दिए जाने वाले आरक्षण की व्यवस्था सेना में नहीं है और इसके जरिए योग्य प्रतिभाएं अवसर का लाभ ले पा रही है।