नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तालचेर कोयला क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित मामलों के प्रभावी और त्वरित निपटान के लिए ओडिशा के तालचेर में एक पूर्णकालिक विशेष न्यायाधिकरण के गठन को मंजूरी दे दी है । न्यायाधिकरण के पास सिविल कोर्ट की शक्तियां होंगी। कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 3 अक्टूबर 2024 को अपनी बैठक में कोयला धारक क्षेत्र (अधिग्रहण और विकास) अधिनियम, 1957 के तहत ओडिशा के तालचेर में एक पूर्णकालिक विशेष न्यायाधिकरण के लिए पीठासीन अधिकारी के पद के सृजन को मंजूरी दी। इस निर्णय का उद्देश्य तालचेर कोयला क्षेत्र में भूमि अधिग्रहण और मुआवजे से संबंधित मामलों का प्रभावी और त्वरित निपटान सुनिश्चित करना है, जिससे क्षेत्र के किसानों और भूमि मालिकों को लाभ होगा।”
विशेष न्यायाधिकरण के पास सिविल कोर्ट के अधिकार होंगे, जिससे वह गवाहों को बुला सकेगा, दस्तावेजों की जांच कर सकेगा और गवाहों की जांच के लिए आयोग जारी कर सकेगा। कोयला मंत्रालय ने कहा, “इन मामलों को तेजी से हल करके न्यायाधिकरण न केवल किसानों और भूस्वामियों को राहत पहुंचाएगा, बल्कि कोयला खनन प्रयासों का भी समर्थन करेगा, जिससे आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा में योगदान मिलेगा। मंत्रिमंडल द्वारा यह मंजूरी और कोयला मंत्री के मार्गदर्शन और समर्थन से सभी हितधारकों के लिए न्याय सुनिश्चित करने, कुशल कानूनी समाधानों को बढ़ावा देने और देश के प्रमुख कोयला खनन क्षेत्र तालचेर में कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।