गेवरा दीपिका क्षेत्र में इस तरह के मामले बढ़े
कोरबा। पिछले वर्षों में अवैध कारनामों को लेकर कोरबा जिले की चर्चा सुर्खियों में रही और इसने प्रदेश स्तर पर काफी नाम बटोरा। कोयला से लेकर डीजल और कबाड़ चोरी के मामले लंबे समय तक चलते रहे। इसके पीछे संगठित सिंडिकेट की अपनी भूमिका रही। काफी समय तक इस तरह की गतिविधियां ठंडा बस्ती में रही लेकिन एक बार फिर से जिले के कुछ इलाकों में डीजल और कबाड़ चोर सक्रिय होते नजर आ रहे हैं।
जानकारी मिली है कि कोरबा जिले के कोल फील्ड्स गेवरा दीपिका क्षेत्र में अब छोटे स्तर पर कबाड़ चोरी का काम शुरू हुआ है। किसी को संदेह न हो और कोई ज्यादा सवाल खड़े ना कर सके इसलिए ‘आधी आबादी’ को इस काम में शामिल किया गया है। बताया जा रहा है कि सूर्योदय से पहले कबाड़ चोरी की जा रही है और फिर उसे निर्धारित ठिकाने पर पहुंचा दिया जा रहा है। गेवरा दीपिका क्षेत्र में कबाड़ और अन्य गतिविधियों को पहले भी अच्छी ऊंचाई मिलती रही है और इसके माध्यम से सिंडिकेट को फलने फूलने का भरपूर अवसर मिला इसलिए वह मौका पाकर काम को आगे बढ़ाने को लेकर इच्छुक हैं। जानकारी के अनुसार कोयलांचल के विभिन्न क्षेत्रों में कबाड़ चोरी करने से लेकर उसे सही जगह तक पहुंचाने के लिए सैकड़ो हाथों को जिम्मेदारी दी गई है। दावा किया जा रहा है कि इस काम में जोखिम है लेकिन अच्छा पारिश्रमिक है इसलिए उत्साह पहले की तरह बना हुआ है। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की मेगा माइंस बड़े हिस्से में फैली हुई है ,ऐसे में छोटे-मोटे सामानों की चोरी अधिकारियों के लिए बहुत ज्यादा मायने नहीं रखती। और दूसरी बात यह है कि पिछले वर्षों में कई बार सुरक्षा कर्मियों पर संगठित गिरोह के द्वारा हमले हो चुके हैं इस स्थिति में कोई भी अपने प्राणों को संकट में डालने को लेकर इच्छुक नहीं रहता है।
इसी इलाके में पिछले कुछ दिनों से डीजल चोरी के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं। स्थानी पुलिस इस मामले में लगातार घर पकड़ कर रही है इससे पता चलता है कि चोरों की गैंग अपने काम को लगातार आगे बढ़ाने में लगी हुई है। एक दिन पहले ही पुलिस ने एक सूचना पर काम करते हुए 2 लाख 3000 कीमत का 2030 लीटर डीजल जप्त किया है। इस मामले में 10 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जो आसपास के इलाके के ही रहने वाले हैं और जिन्हें पहले से ही इस काम को करने का अच्छा खासा अनुभव है। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के माइंस एरिया इलाके से ही इस डीजल की चोरी कंपनी के संसाधन से की थी। खनन संबंधी कामकाज के लिए कोयला कंपनी अपनी हैवी व्हीकल में बड़ी मात्रा में डीजल डलवाती है ताकि इसका सदुपयोग हो सके लेकिन यह सब चोरों के लिए वरदान साबित हो रहा है।
इसी मुद्दे को हवा मिली थी विधानसभा चुनाव में
जिस अंदाज में कोयलांचल में डीजल और कबाड़ की चोरी के मामलों में अचानक से बढ़ोतरी हुई है उस सवाल उठ खड़ा हुआ है कि क्या यह सब स्वाभाविक है या फिर कोई और वजह है। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में अवैध कारनामों को भाजपा ने मुद्दा बनाया था और यह पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भारी पड़ा। छत्तीसगढ़ में नई सरकार के सत्तासीन होने के साथ कोरबा और विभिन्न क्षेत्रों में इस प्रकार के कारनामे ठहर गए। अब जबकि कोरबा जिले में कुछ इलाकों में इस तरह की हलचल शुरू हुई है तब सवाल उठ रहा है कि क्या पुरानी स्थिति बहाल करने के लिए ऊपर से हरी झंडी मिल गई है?