कोरबा । दीपावली पर्व जिले के 275 ग्रामीण परिवारों के लिए नए उल्लास उत्साह के साथ ही खुशियों की नई उजास लेकर आया है। इस दीपावली पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 275 ग्रामीण परिवारों के पक्के आवास बन कर पूर्ण हो गए हैं। इन पक्के आवासों में ग्रामीण परिवारों के गृह प्रवेश करने की तैयारी कर ली गई है।
धनतेरस पर्व को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 30 ग्रामीण परिवारों ने तथा प्रधामनंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति-पहाड़ी कोरवा, बिरहोर आदि के 15 परिवारों के द्वारा अपने पक्के आवासों में गृह प्रवेश किया है। कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में आवास पूर्ण करने के लिए सतत मॉनिटरिंग की जा रही है। इसके साथ ही उनके द्वारा समीक्षा बैठक लेकर आवास पूर्ण कराने के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2016 से 2023 तक जिले में 64837 परिवारों को पक्के आवास का लाभ मिला है। वर्ष 2024-25 में 44 हजार से ज्यादा जरूरतमंद ग्रामीण परिवारों को पक्के आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रधानमंत्री आवास पूर्ण करने के लिए ग्रामीण हितग्राहियों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण योजना से नियमानुसार मजदूरी राशि उपलब्ध कराई जा रही है।जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत करतला में 4 कटघोरा 2 कोरबा 5. पाली 6 व पोंड़ी उपरोड़ा 13 कुल 30 परिवारों को धनतेरस पर गृह प्रवेश कराया गया है, तथा प्रधानमंत्री जनमन योजना के 15 आवासो का गृह प्रवेश कराया गया है। दीपोत्सव पर्व में 275 पक्के आवास जनपद पंचायत पोड़ी-उपरोड़ा के 75, कोरबा के 50, करतला के 50, कटघोरा के 50, तथा जनपद पंचायत पाली के 50 आवासों में ग्रामीण परिवारों के गृह प्रवेश कराये जाने हेतु तैयारी की जा रही है।अपने स्वयं के पक्के मकान में प्रवेश करने के लिए विशेष पिछड़ी जनजात्ति के परिवार सहित अन्य लाभान्वित हितग्राही परिवार काफी उत्सुक है। गृह प्रवेश कर उत्सव मनायेंगे। विकासखण्ड करतला के ग्राम पंचायत्त बेहरचुवा निवासी रूप कुंवर अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में जीवन यापन कर रही थी, उन्होंने बताया कि अब हमें पक्का आवास के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ता। बरसों का सपना पूरा हुआ। प्रधानमंत्री आवास बनने से हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। इस सुविधा से न केवल उनकी दैनिक गतिविधियां आसान हुई है, बल्कि यह उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्वच्छता की दृष्टि से एक सकारात्मक सोच के कारण बदलाव आया है।