छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के भिलाई में स्थित चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों का इस्तीफा देने का मामला थम नहीं रहा है.
पहले दिन जहां 6 विभागों के एचओडी समेत 3 रेसिडेंट डॉक्टरों ने अपने पद से इस्तीफा दिया, वहीं दूसरे दिन भी दो डॉक्टरों ने इस्तीफा दे दिया है. मंगलवार को अस्पताल के एक मात्र न्यूरो सर्जन ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. बता दें कि मामला सरकार द्वारा डॉक्टरों के प्राइवेट प्रैक्टिस पर रोक से जुड़ा हुआ है.

एक मात्र न्यूरो सर्जन ने दिया इस्तीफा

सोमवार को जहां चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के पीडियाट्रिक्स, सर्जरी, गायनेकॉलोजी, रेडियोलोजी और एनेस्थीसिया के एचओडी ने त्यागपत्र दिया था. वहीं, मंगलवार को मेडिकल कॉलेज के एक मात्र न्यूरो सर्जन डॉ. दीपक बंसल ने भी अपना इस्तीफा दे दिया. इसके बाद मरीजों को यहां बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

इस वजह से है डॉक्टरों में गुस्सा

जानकारी के अनुसार, मासिक वेतन से 20% एनपीए काटने के बाद भी निजी प्रैक्टिस करने या अस्पताल चलाने पर पंजीयन रद्द करने की चेतावनी के कारण डॉक्टरों में आक्रोश है. इस वजह से भिलाई के इस सरकारी अस्पताल के डॉक्टर लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. इसी क्रम में अब तक अस्पताल के कुल 11 डॉक्टरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.

22 अगस्त को छत्तीसगढ़ सरकार ने जारी किया था आदेश

छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के विशेष सचिव ने गत 22 अगस्त को जारी एक आदेश में साफ़ तौर पर कहा था कि सरकारी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में कार्यरत चिकित्सकों को निजी या फिर अन्य हॉस्पिटलों में प्रैक्टिस नहीं कर पाएंगे. विशेष सचिव ने राज्य के सभी संभागीय संचालक और आयुक्त चिकित्सा को इस आदेश की कड़ाई से पालन का निर्देश दिए थे.