प्रतापपुर। वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के वन क्षेत्र धरमपुर में शुक्रवार रात हाथियों के विचरण के दौरान उस वक्त वन कर्मचारी सकते में आ गए जब एक ग्रामीण शराब के नशे में गले में मांदर लेकर घर के बाहर निकल पड़ा। अब वन कर्मचारी उसे समझाते कि हाथियों को गांव की ओर से जंगल की ओर खदेड़ते। ग्रामीण धीरे-धीरे अंधेरे की ओर बढ़ रहा था।
ऐसे में उसके हाथियों की चपेट में आने की आशंका बढ़ रही थी। काफी समझाइश व गांव के लोगों की पहल के बाद उक्त ग्रामीण को हाथियों की ओर से जाने से रोककर वापस घर भिजवाया गया। बाद में वन विभाग की टीम हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ राहत की सांस ली। नौ हाथियों का दल शुक्रवार रात ग्रामीणों की बस्ती के पास पहुंच गया था। मौके पर मौजूद वन विभाग की टीम व हाथी मित्र दल हाथियों की मौजूदगी पर लगातार निगरानी बनाए हुए थे। इसी बीच एक ग्रामीण शराब के नशे में धुत्त हो मांदर को गले में लटकाए बस्ती में घूम रहा था। नशे में मस्त ग्रामीण मांदर बजाते हुए बस्ती में इधर से उधर घूम रहा था। मौके पर मौजूद हाथी मित्र दल के सदस्य धनेश प्रताप सिंह उक्त ग्रामीण को बस्ती के पास हाथियों की मौजूदगी की जानकारी दे बस्ती में घूमने से मना करते हुए घर जाने का आग्रह कर रहे थे। नशे में धुत्त ग्रामीण अपने घर जाने को तैयार नहीं हो रहा था। ऊपर से बहसबाजी भी कर रहा था। स्थिति को देखते हुए गांव के सरपंच को मामले की सूचना देकर वन विभाग की टीम व हाथी मित्र दल बस्ती के भीतर प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हाथियों के दल को जंगल की ओर खदेडऩे का प्रयास करने लगे। काफी प्रयास के बाद हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा गया। फिर शराब के नशे में धुत्त ग्रामीण को भी उसके घर पहुंचाया गया।
सरगुजा संभाग के जंगल से सटे इलाके में ग्रामीण अक्सर अपने घरों में महुआ शराब बनाते रहते हैं। शराब बनाने के दौरान महुआ से निकलने वाली तीव्र गंध आसपास के जंगलों में मौजूद हाथियों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम करती है। हाथी गंध की दिशा में बढ़ते हुए उस घर तक पहुंच जाते हैं जहां शराब बन रही होती है। फिर उसे पाने के लिए घर तक को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। वन विभाग भी कई बार हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को महुआ शराब न बनाने की समझाइश दे चुका है पर ग्रामीणों पर आज तक इसका कोई असर नहीं हो सका है। हालांकि हाथियों द्वारा ग्रामीणों के घरों को क्षतिग्रस्त करने का कारण केवल महुआ शराब को ही नहीं माना जा सकता। हाथी घर में रखे अनाज को खाने के लिए भी घरों को क्षतिग्रस्त करते रहते हैं। वर्तमान में वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के वन क्षेत्र धरमपुर से लेकर टुकुडांड़ तक के क्षेत्र में नौ हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों के निगरानी दल के साथ वन परिक्षेत्र प्रतापपुर के रेंजर उत्तम मिश्रा भी हाथी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार डटे रहते हैं। गुरुवार दिवाली की रात भी हाथियों का दल वनक्षेत्र धरमपुर में विचरण कर रहा था। इस दौरान रेंजर उत्तम मिश्रा वनक्षेत्र के कोटेया, भरदा, सिंघरा, दलदली, गौरा व अन्य हाथी प्रभावित गांवों का पूरी रात भ्रमण करते हुए हाथी निगरानी दल को निर्देश देते रहे। शुक्रवार की रात भी उन्होंने हाथी प्रभावित गांवों का भ्रमण कर वहां मौजूद हाथी निगरानी दल का हौसला बढ़ाया।