पांच महीने की प्रतीक्षा के बाद हुआ भुगतान
कोरबा। वन प्रबंधन से संबंधित गतिविधियों में जुड़े अनेक श्रमिक लंबे समय से पारिश्रमिक नहीं मिलने के कारण परेशान हैं। कई प्रकार की मुश्किलें उनके सामने हैं। कई प्रकार की बातें प्रकरण को लेकर कही जा रही है। जल विहार केंद्र बुका से संबंधित मामला सामने आया तो वन विभाग हरकत में आया। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विषय जानकारी में आने के साथ संबंधितों को राशि जारी कर दी गई है।
कोरबा जिले के कटघोरा वनमण्डल अंतर्गत एतमानगर वनपरिक्षेत्र में आने वाले पर्यटन स्थल बुका का यह मामला है। जहां बुका वन प्रबंधन समिति के द्वारा बुका पर्यटन स्थल में कार्य करने वाले मजदूरों को पिछले 5 माह से वेतन भुगतान नही किया गया है। बताया जाता है कि मजदूरों द्वारा इसके लिए कई दफा अधीनस्थ वन विभाग के अधिकारियों को इससे अवगत कराया गया है लेकिन अधिकारी इस विषय को लेकर गंभीर नज़र नही आ रहे है। जिससे यहां कार्यरत मजदूरों में खासी नाराज़गी देखने को मिल रही है। दिवाली के पूर्व रेंजर देवदत्त खांडे से वेतन देने की बात की गई थी लेकिन दिवाली में किसी भी मजदूर को वेतन नहीं दिया गया। यहां पर आने वाले पर्यटकों को नौका विहार, घुड़सवारी, भोजन व नास्ते की व्यवस्था करने की पूरी जिम्मेदारी वन प्रबंधन समिति के कर्मचारियों की रहती है। यहां पर कार्यरत सभी कर्मचारी पूरी मेहनत करते तो है लेकिन समय पर वेतन नही मिलने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आईलैंड की मिली पहचान
हसदेव बांगो बांध परियोजना के डुबान क्षेत्र में बुका जल विहार केंद्र स्थित है। इसके चारों तरफ अनंत हिस्से में विपुल जलराशि की मौजूदगी है जो इसे एक बड़े आईलैंड का रूप देती है। छत्तीसगढ़ के संदर्भ में बुका को मॉरिशस फिजी के तौर पर भी संज्ञा मिली हुई है। भौगोलिक रूप से इसकी सुंदरता लोगों को आकर्षित करती है।
टूरिस्ट सीजन से होती है आमदनी
बुका जल विहार केंद्र में काम करने वाले लोगों को पारिश्रमिक का भुगतान टूरिस्ट गतिविधियों से होने वाली आमदनी से किया जाता है। वर्षाकाल में टूरिस्ट नहीं आ रहे थे। इससे दिक्कतें हुई। अब जबकि सीजन शुरू हुआ है, स्थिति सामान्य हो रही है। लोगों को उनके बकाया भुगतान के लिए राशि जारी कर दी गई है।
कुमार निशांत, डीएफओ, कटघोरा वनमंडल