
झांसी, १६ नवंबर ।
मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) (एनआईसीसीयू) वार्ड में शॉर्ट-सर्किट से लगी आग से मेडिकल कॉलेज के बाहर मृत शिशुओं के परिजनों की करुण-क्रंदन सुनाई दे रही थी। 10 नवजात बच्चों की मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मचा था। हर तरफ सामान फैला पड़ा था। चारों ओर तीमारदारों की चप्पलें पड़ी थीं। विलाप कर रहे परिजनों को हर कोई संभालने का प्रयास कर रहा था। मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में रात लगभग 10.30 बजे तक सब कुछ सामान्य था। इसके महज 10 मिनट बाद ही वार्ड में जो कुछ हुआ उसने सभी के रौंगटे खड़े कर दिये। नवजात बच्चों का वार्ड आग की चपेट में आकर धू-धू कर जल रहा था। आग की लपटें वार्ड के बाहर से निकल रही थीं। थोड़ी ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपने आगोश में ले लिया। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में आग लगने की सूचना से प्रशासनिक अधिकारियों में अफरा-तफरी मच गई। इधर, वार्ड में आग की खबर से वार्ड में भर्ती नवजात बच्चों के परिजन मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। आग को देख परिजनों में कोहराम मच गया। पुलिस ने लोगों को अंदर जाने से मना कर दिया। घटना की जानकारी होते ही मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे, डीआईजी कलानिधि नैथानी, जिलाधिकारी अविनाश कुमार, एसएसपी सुधा सिंह के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत समेत कई जनप्रतिनिधि भी मेडिकल कॉलेज पहुंच गए। मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के 2 कक्ष में नवजात शिशु भर्ती थे। आग लगते ही वहां धुआं भरने लगा। सूचना पर पहुंची पुलिस व सेना के जवानों ने अंदर जाने का प्रयास किया, लेकिन आग की लपट तेज होने से वह अंदर नहीं जा सके। सेना के जवानों ने वार्ड की खिडक़ी व दरवाजों को तोड़ा और अन्दर गये। इसके बाद सेना के जवानों ने कुछ बच्चों को बाहर निकाला। आग लगने के बाद बच्चों को बचाने के लिये वार्ड में अफरा-तफरी मच गई। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में तैनात स्टाफ ने भी तत्परता दिखाते हुए वार्ड में भर्ती शिशुओं को किसी तरह बाहर निकाला। बताया गया कि बच्चों को बाहर निकालने में स्टाफ भी झुलस गया, जिन्हें इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में नवजात बच्चों को बेहतर चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आधुनिक मशीन को लगाया गया था। अधिकतर मशीन आग की भेंट चढ़ गई। कुछ मशीन आग की चपेट में आने से बच गई। आग बुझने के बाद अधिकारियों ने नीकू (एनआईसीयू) वार्ड के अन्दर जाकर घटना के बारे में निरीक्षण किया। आग लगने से वार्ड धधक रहा था। पानी की बौछार से पूरे वार्ड में पानी ही पानी नजर आ रहा था। एडीएम (वित्त एवं राजस्व) वरुण पाण्डेय ने आग बुझने के बाद अधिकारियों के साथ अंदर जाकर स्थिति का जायजा लिया। मेडिकल कॉलेज के नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में आग लगने की खबर लगते ही दमकल की कई गाडिय़ां मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हो गई। बताया गया कि मेडिकल की इमरजेंसी के बाहर निर्माण कार्य होने से वहां बड़ी गाड़ी के निकलने की जगह नहीं थी। इसके बाद दूसरे रास्ते से फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची। नीकू (एनआईसीयू) वार्ड में दो केबिन बने हैं।
अंदर वाले केबिन में अधिक गंभीर और बाहर वाले केबिन में कम गंभीर बच्चे भर्ती थे। हादसा होने के बाद बाहर के केबिन के सभी बच्चे बचा लिए गए हैं और अंदर के केबिन से भी कुछ बच्चे सुरक्षित हैं। उन्हें इमरजेंसी और दूसरे वार्ड में शिफ्ट करते हुए हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है।-बिमल कुमार दुबे, मंडलायुक्त, झांसी मंडल।हादसे में 10 बच्चों की मौत हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड तत्काल मौके पर पहुँच गयी थी। सेना के दमकल वाहन भी बुला लिए गए थे, जिससे आग पर काबू पाने में अधिक समय नहीं लगा। कानून व्यवस्था की दृष्टि से मेडिकल कॉलेज परिसर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।-कलानिधि नैथानी, पुलिस उप महानिरीक्षक, झांसी परिक्षेत्र। मौके पर उपस्थित नीकू (एनआईसीयू) स्टाफ के अनुसार, रात 10.30 से 10.45 बजे के बीच आग की घटना हुई। प्रारम्भिक जाँच में अंदर वाले हिस्से में शॉर्ट सर्किट से आग लगना बताया जा रहा है। झुलसे बच्चों के बेहतर उपचार के निर्देश दे दिए गए हैं और घटना की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है।
-अविनाश कुमार, जिलाधिकारी, झांसी।