कोरबा। कटघोरा नगर की चकचकवा पहाड़ी पर स्थित हनुमानगढ़ी का आकर्षण शीत ऋतु में और भी निखर गया है। प्रकृति की हरीतिमा इस स्थान को पहले से ही लोकप्रिय बना चुकी है और अब नेशनल हाईवे पर इसकी स्थिति आने के साथ इसका दायरा और ज्यादा बढ़ता जा रहा है विभिन्न राज्यों के लोगों की पहुंच धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के लिए यहां लगातार हो रही है।
हनुमान घड़ी नामक स्थान की प्राचीनता के बारे में स्पष्ट जानकारी तो नहीं है लेकिन स्थाई लोगों का कहना है कि जब से यह नगर अस्तित्व में आया है तब से यहां की भौगोलिक संरचना में हनुमानगढ़ शामिल है। कई प्रकार की चट्टानों की उपस्थिति में काफी ऊंचाई पर श्री राम और हनुमान के प्राचीन मंदिर हैं। यहां पर एक स्थान पर दो पैरों के निशान बने हुए हैं जिनके बारे में की बदलती है कि महाभारत काल में वनवास के समय भीम अपने भाइयों के साथ यहां पहुंचे थे। कोरबा जिला गठन के बाद इस स्थान को विकसित करने के लिए काफी प्रयास किए गए कटघोरा में नागरिकों की एक समिति ने इस स्थान को पहचान देने के लिए जरूरी पहल की और इस दिशा में कई प्रकार से प्रयत्न किया कालांतर में अशोक अग्रवाल की कलेक्टर के रूप में पद स्थापना होने पर हनुमानगढ़ को नया स्वरूप देने के लिए कई प्रकार के काम कराए गए हनुमानगढ़ में श्री राम का भव्य मंदिर बनाया गया और शिव पंचायतन की भी व्यवस्था की गई कटघोरा अंबिकापुर मार्ग पर बाय पास के नजदीक पहाड़ी पर स्थित हनुमानगढ़ी समय के साथ एक विशिष्ट स्थान बन चुका है पहाड़ी से कटघोरा नगर और आसपास का नजारा लोगों को काफी आकर्षित करता है छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कई प्रकार के कार्यों को करने की आवश्यकता यह यहां के लोग महसूस कर रहे हैं लोगों का कहना है कि पर्यटन की असीम संभावनाएं इस इलाके में मौजूद है इसलिए इस पर विचार करने के साथ विभिन्न कार्य क्रियान्वित कराया जाना चाहिए।