कोरबा। नागरिग आपूर्ति निगम में कई कारणों से बदलाव की बयार दिखाई दे रही है। लंबे समय के बाद खाद्यान्न परिवहन के मामले में अब जाकर प्रतिस्पर्धा शुरू हुई। ऐसा पहली बार हुआ जब ट्रांसपोर्टिंग का काम विलो रेट पर गया है और कहा जा रहा है कि अब यहां से शुरू हुआ क्रम आगे कई साल तक बना रह सकता है। इसके पीछे कई तरह की चीजें अहम मानी जा रही है। खबरों के मुताबिक आपूर्ति निगम का कामकाज शुरू होने से लेकर इससे पहले तक खाद्यान्न परिवहन के ठेके भारी भरकम ऊंची दर पर जाया करते थे। इसमें न केवल गड़बड़ी होती थी बल्कि सरकार के सिस्टम को भी नुकसान होता था। नए कांट्रेक्टर्स की एंट्री ने एक तरफ समीकरणों का ताना-बाना हिलाकर रख दिया है वहीं न्यूनतम दर पर चुनौतीपूर्ण कार्य को लेकर दिखा दिया है कि बहुत सारी चीजों को संभव कैसे किया जा सकता है। दावा हो रहा है कि निम्न लाभ की प्राप्ति के साथ भी आप व्यवस्थाओं को पटरी पर ला सकते हैं और अपने लिए नए सिस्टम को खड़ा करने का माध्यम बन सकते हैं। याद रहे कई विभागों में सुधार के लिए काम शुरू होने के बाद नतीजे अच्छे आए हैं।