नईदिल्ली, 0६ दिसम्बर ।
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में मौतों को कम करने के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों के बावजूद, हताहतों की संख्या में वृद्धि हो रही है, क्योंकि लोगों में न तो कानून के प्रति सम्मान है और न ही डर।लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि वह खुद सडक़ दुर्घटना के शिकार हुए हैं और इस मुद्दे को लेकर संवेदनशील हैं।मंत्री ने कहा कि चार कारक हैं जो सडक़ दुर्घटनाओं को कम करने में मदद कर सकते हैं – सडक़ इंजीनियरिंग, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, कानून का प्रवर्तन और लोगों की शिक्षा। गडकरी ने कहा, समाज की सबसे बड़ी समस्या यह है कि न तो उनमें कानून के प्रति सम्मान है, न ही कानून का डर है। रेड सिग्नल पर लोग गाड़ी नहीं रोकते, हेलमेट नहीं पहनते, ऐसी कई समस्याएं हैं। 30,000 लोग सिर्फ इसलिए मर जाते हैं क्योंकि वे हेलमेट नहीं पहनते हैं। मैं खुद इसका शिकार रहा हूं, महाराष्ट्र में विपक्ष का नेता रहते हुए एक दुर्घटना में मेरा पैर चार जगह से टूट गया था और मैं इस मामले में लगातार संवेदनशील हूं।उन्होंने कहा, मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, लेकिन दुख की बात है कि कड़ी मेहनत के बावजूद इस साल सडक़ दुर्घटनाओं में 1.68 लाख मौतें हुई हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मौतें इसलिए हुई हैं क्योंकि सडक़ों पर नियमों का सख्ती से पालन नहीं किया गया है…जन प्रतिनिधियों, मीडिया या समाज के सहयोग के बिना यह संभव नहीं है। हमने जुर्माने भी बढ़ाए हैं, लेकिन लोग नियमों का पालन नहीं करते हैं।गडकरी ने कहा कि बुधवार को एक कार ने उनके सामने से ट्रैफिक सिग्नल तोड़ दिया। ्र
मंत्री ने अध्यक्ष से इस मुद्दे पर अलग से चर्चा कराने का आग्रह किया और कहा कि सरकार स्थिति में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, समस्या यह भी है कि कुछ ब्लैक स्पॉट हैं और सरकार ने ब्लैक स्पॉट पर 40,000 करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय पहले ही ले लिया है… विस्तृत परियोजना रिपोर्ट में पहचानी गई गलतियों के अनुसार ब्लैक स्पॉट मौजूद हैं और हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।