पेड़ पर चढक़र बचाई जान
कोरबा। जिले के कटघोरा एवं कोरबा वनमंडल में हाथियों का आतंक लगातार जारी है। यहां के कटघोरा वनमंडल में 49 तथा कोरबा में 64 की संख्या में हाथी सक्रिय हैं। कोरबा वनमंडल के करतला रेंज में सक्रिय 50 हाथियों के दल ने पीडिया गांव में खेत की रखवाली करने गए मधु नामक एक ग्रामीण को घेर लिया जिस पर ग्रामीण ने पेड़ पर चढक़र जान बचाई। हाथियों की डर से मधु रात भर पेड़ पर चढ़ा रहा तथा हाथियों का दल बार-बार वहां पहुंच रहा था जिसके कारण वह पेड़ पर चढक़र रतजगा करता रहा। सुबह होने पर ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और वहां मंडरा रहे हाथियों को मौके पर पहुंचकर खदेडऩे के साथ पेड़ पर चढ़े मधु को सुरक्षित नीचे उतारे और गांव लेकर पहुंचे। ग्रामीणों द्वारा खदेड़े जाने पर हाथियों ने आगे का रूख कर लिया और जंगल ही जंगल होते हुए बीट के कक्ष क्रमांक ओए 1463 पहुंच गया है। दल को आज सुबह यहां विश्राम करते हुए देखा गया।
हाथियों के अन्यत्र जाने से पीडिया गांव के लोगों ने राहत महसूस की है। इससे पहले हाथियों का डेरा एक सप्ताह तक क्षेत्र के जंगल में बना हुआ था जिससे ग्रामीण भयभीत व परेशान थे। ग्रामीणों के अनुसार हाथी दिन भर जंगल में विश्राम करने के बाद शाम होते ही बाहर निकलते थे और गांव के निकट खेतों में पहुंचने के साथ बंट जाते थे। रात भर उत्पात मचाने व फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद सुबह होने पर जंगल लौटते थे। हाथियों के डर से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर थे। वहीं ट्रैक्टर, मशाल व अन्य संसाधनों के जरिए हाथियों को बस्ती में आने से रोकने के लिए उपाय करते थे। हाथियों के डर से कई ग्रामीणों ने धान फसल को पूरी तरह पकने से पहले ही काट लिया। उन्हें डर था कि कहीं क्षेत्र में मौजूद हाथी धान को चट कर उनकी मेहनतों पर पानी न फेर दे। जहां 50 की संख्या में करतला रेंज में मौजूद हाथियों का दल पीडिया से आगे बढक़र नवापारा पहुंच गया है वहीं 12 हाथी कुदमुरा रेंज के वन परिक्षेत्र कुदमुरा के कक्ष क्रमांक 1139 तथा दो हाथी गीतकुंआरी के 1006 कम्पार्टमेंट में विचरण कर रहे हैं। हाथियों के इस दल ने भी बीती रात उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के खेतों व बाड़ी में लगे धान तथा केले के पौधों को तहस-नहस कर दिया है। जिसका आंकलन वन अमला कर रहा है। उधर कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में भी हाथियों का आतंक जारी है। यहां 49 की संख्या में घूम रहे हाथियों ने बीती रात पिपरिया व जल्के क्षेत्र में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया और बड़ी संख्या में फसलों को तहस-नहस किया है। हालांकि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी हाथियों की निगरानी करते रहे। बावजूद इसके वे हाथियों को उत्पात करने से नहीं रोक पाए। इससे पहले हाथियों के इस दल ने सिर्री व अमलीबहरा में निशाने पर लेते हुए एक दर्जन मवेशियों को मौत के घाट उतार दिया था जिससे क्षेत्र में हडक़ंप मच गया था और ग्रामीण दहशत में आ गए थे।