जांजगीर चांपा। धान खरीदी पर संकट के बादल, अब ऑपरेटर संघ ने किया हड़ताल में जाने का ऐलान किया है। इस हड़ताल से शासन प्रशासन की चिंता बड़ गई है। आपरेटर के हड़ताल में जाने से खरीदी प्रभावित होगी। कोई वैकल्पिक व्यवस्था अब तक नहीं बनाई जा सकी है। ऐसे में किसानों की भी परेशानी बढ़ जाएगी।
ज्ञात हो कि प्रदेशभर में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। इसमें किसानों का टोकन से लेकर धान खरीदी के रोज के आंकड़े समेत अन्य कार्य कम्प्यूटर ऑपरेटरों के द्वारा किया जाता है। वहीं अब जाकर धान खरीदी ने रफ्तार भी पकड़ी है। उपार्जन केंद्रों में धान की भरपूर आवक होने लगी है। इस स्थिति पर अगर कम्प्यूटर ऑपरेटर काम छोडक़र आंदोलन में चले जाएंगे तो धान खरीदी बेपटरी हो जाएगी। एक तरह से खरीदी बंद हो जाएगी। ऐसा हुआ तो किसानों की भी मुसीबत बढ़ जाएगी डेढ़ माह का ही समय बचा है। अगर खरीदी बंद हो जाएगी तो किसानों के पास धान बेचने के लिए समय कम मिलेगा। इस स्थिति में शुरू जब खरीदी होगी तो धान बेचने किसानों में होड़ मच जाएगी और र अव्यवस्था का आलम होगा। धान खरीदी में एक बार फिर से संकट के बादल छा गए हैं। ले-देकर मिलर्स राजी हुए है और उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव पटरी पर आया ही है तो वहीं दूसरी ओर कम्प्यूटर ऑपरेटरों ने हल्ला बोल दिया है।
शासन के आश्वासन मिलने पर स्थगित किए गए आंदोलन तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आज से धान खरीदी केन्द्र के आपरेटर संघ ने अनिश्चितकालीन हड़ताल में जाने की चेतावनी दी है। हड़ताल में बहल जाने से खरीदी पूरी तरह से ठप पड़ जाएगी। एक तो पहले ही मिलर्स उठाव नहीं कर रहे थे, अब राजी होने के बाद आपरेटर संघ ने मोर्चा खोल दिया है। सहकारी समितियों के कम्प्यूटर ऑपरेटर संघ ने फिर से शुरू करने की चेतावनी दे दी है। धान खरीदी शुरू हो जाने के 25 दिनों बाद भी उनकी मांगों पर किसी तरह पहल नहीं होने पर संघ ने 12 दिसंबर से बेमुद्दत हड़ताल पर जाने का निर्णय ले लिया है। बुधवार को शासन की ओर से कोई हल नहीं निकाला गया हैं। इस कारण प्रदेशभर के धान खरीदी कम्प्यूटर ऑपरेटर आज से राजधानी रायपुर में धरने में बैठ जाएंगे। इससे धान खरीदी ठप पड़ जाएगी। इससे शासन-प्रशासन की चिंता बढ़ गई। वैकल्पिक व्यवस्था बनाने की बात कही जा रही है लेकिन अभी भी प्रशासन आवेदन दिए है कि लेकिन हड़ताल में जाने की बात कह रहे है। हड़ताल में चले जाने की स्थिति में किसी प्रकार का वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है। हालाकि प्रबंधक के भरोसे खरीदी कराने की बात कही जा रही है।