नईदिल्ली, १८ दिसम्बर ।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 2016 में एक चार साल के लडक़े के साथ यौन उत्पीडऩ और हत्या मामले में आरोपित को दी गई मौत की सजा को रद कर दिया। उसे बिना किसी छूट के 25 साल की जेल की सजा सुनाई गई है। जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि यह कोई ऐसा मामला नहीं था, जहां सुधार की संभावना को पूरी तरह से खारिज कर दिया जाए। पीठ ने बताया कि यह मामला दुर्लभतम की श्रेणी में नहीं आता है। पीठ ने कहा कि अपराध की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए बिना छूट के एक एक निर्धारित अवधि के लिए कारावास की सजा अकेले अपराधी के लिए काफी है। इससे जनता का विश्वास भी कम नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए दोषी संभु भाई राय संगभाई पढियार की अपील पर फैसला सुनाया। हाई कोर्ट ने आरोपित को आइपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मौत की सजा दी थी। गौरतलब है कि गुजरात के भरूच जिले में 2016 में आरोपित पढियार ने एक चार साल के मासूम लडक़े को आइसक्रीम को लालच देकर उसका अपहरण किया और बाद में उसका यौन उत्पीडऩ करने के बाद उसकी हत्या कर दी।