जांजगीर-चांपा। कृषि प्रधान जांजगीर चांपा जिले में धान खरीदी व्यवस्था पूरी तरह से चरमराने लगी है। हाल यह है कि केन्द्रों में 21 लाख क्विंटल से अधिक धान जाम पड़ा हुआ है। खास बात यह है कि इस बार संग्रहण केन्द्र भी खोले गए है। बावजूद इसके समय पर उठाव नहीं हो पा रहा है। इधर केन्द्रों में बफर लिमिट पार होने की स्थिति है और प्रभारियों द्वारा बार बार मिन्नत करने के बावजूद खरीदे गए धान. का उठाव नहीं हो पा रहा है। जिसके चलते खरीदी तो प्रभावित हो ही रही है, यही हाल रहा तो कई जगहों पर खरीदी बंद करने की नौबत आ सकती है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा इस बार समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की शुरूआत 14 नवंबर से की गई है। जांजगीर चांपा जिले में 129 केन्द्रों में धान खरीदी की जा रही है। जहां 22 लाख 45 हजार क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है। सबसे बड़ी समस्या खरीदे गए धान का उठाव नहीं हो पाने की है। बताया जाता है कि जिले के विभिन्न केन्द्रों में वर्तमान में 21 लाख क्विंटल से अधिक धान का उठाव करना है। जबकि अभी खरीदे गए 22 लाख 45 हजार क्विंटल धान में से ले देकर 1 लाख 92 हजार 8 सौ क्विंटल का ही उठाव हो सका है। ऐसी स्थिति में जिले के लगभग सभी केन्द्रों में निर्धारित बफर लिमिट भी क्रास होने को है। केन्द्रों में हजारों क्विंटल धान पड़ा हुआ है। उठाव नहीं होने के कारण खरीदी केन्द्र में में तौल कर खुले आसमान तले रखे है लाखों क्विंटल धान, आार संकट के बादल, बेमौसम बारिश का खतरा
जिले के 129 धान खरीदी केन्द्रों में धान का अंबार लगा हुआ है। यहां खरीदे गए 22 लाख 45 हजार क्विंटल धान में से ले देकर करके 1 लाख 92 हजार क्विंटल धान का ही उठाव हो सका है। वर्तमान में 21 लाख क्विंटल से अधिक धान का उठाव करना शेष है। ऐसे में केन्द्रों में जाम की स्थिति तो बनी हुई ही है, खरीदे गए धान पर बेमौसम बरसात का खतरा भी मंडराने लगा है। शुक्रवार 20 दिसंबर को आसमान पर जिस तरह से काले बादल छाने लगे है। इसको देखते हुए केन्द्र प्रभारियों की चिंता बढ़ गई है। एक ओर केन्द्रों में हजारों क्विंटल धान रखा हुआ है तो दूसरी ओर उठाव की समस्या के साथ प्रतिदिन आवक भी बढ़ते क्रम में है। इसके अलावा खरीदे गाए धान को सुरक्षित रखने के लिए कैप कव्हर की समुचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यदि बारिश होती है तो हजारों क्विंटल धान तो खराब होगा ही। केन्द्र प्रभारियों को भी आर्थिक नुकसानी उठानी पड़ सकती है।
की जगह भी कम पडऩे लगी है। बताया जाता हैकि समय पर यदि धान का उठाव नहीं किया गया तो जिले के दर्जनों केन्द्रों में धान खरीदी बंद करनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति को लेकर केन्द्र प्रभारी परेशान है। उनके द्वारा संबंधित अधिकारियों को धान उठाव के लिए लगातार कहा जा रहा है। बावजूद इसके केन्द्रों से धान का उठाव समुचित तरीके से नहीं हो पा रहा है।