श्रावस्ती, २३ दिसम्बर ।
श्रावस्ती में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। विभाग ने एक रिक्शा चालक को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस भेजा है। भिनगा क्षेत्र के गोड़पुरवा गांव के रिक्शा चालक मनोहर यादव के घर शुक्रवार को 51 लाख रुपये की रिकवरी नोटिस आई। नोटिस मिलने के बाद मनोहर और उनके परिजनों के होश उड़ गए, सभी हक्का-बक्का रह गए। निरक्षर मनोहर दिल्ली में रिक्शा चलाते हैं, परिवार गांव में रहता है। शुक्रवार को उनको डाकिया के जरिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय भिनगा से एक नोटिस मिली। इसमें उन्हें फर्जी शिक्षक बताया गया है। नोटिस में 51 लाख 63 हजार 53 रुपये वसूली करने की बात कही गई है। इतना ही नहीं, बीएसए अजय कुमार के हस्ताक्षर के साथ 12 दिसंबर, 2024 को नोटिस जारी हुआ है।नोटिस में बताया गया है कि मनोहर यादव जिला अंबेडकर नगर के सीहमई कारीरात गांव निवासी फर्जी शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह के छद्म नाम व पते का प्रयोग कर बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन श्रावस्ती जिले के जमुनहा ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय नौवापुरवा में सहायक शिक्षक के पद पर नौकरी कर रहे थे। कूटरचित अभिलेखों का प्रयोग कर नौकरी अर्जित करने की पुष्टि होने के बाद 14 जुलाई, 2020 को नियुक्ति तिथि से सेवा समाप्त कर दी गई है।
साथ ही उनके विरुद्ध भिनगा कोवताली में मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।नोटिस में बताया गया है भुगतान हुई धनराशि को सात दिन के भीतर कोषागार में जमा कराकर रसीद बीएसए कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। अन्यथा भुगतान किए गए वेतन की धनराशि भू-राजस्व वसूली की भांति कराए जाने की कार्रवाई की जाएगी। बीएसए अजय कुमार ने बताया कि पकड़े गए फर्जी तीन शिक्षकों के दर्ज नाम व पते के आधार पर मुकदमा कराया गया था। पुलिस की विवेचना के आधार पर नोटिस भेजी गई है। नोटिस प्राप्त करने वाले व्यक्ति को लगता है कि वे दोषी नहीं हैं तो कार्यालय में उपस्थित होकर बताएं। हो सकता है कि इनके नाम से फर्जी अभिलेख बने हों। इनको 20-25 दिन का समय दिया गया है। इनके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।