कोरबा। पॉवर हॉउस रोड में यातयात के दबाव को कम करने संजय नगर रेलवे क्रॉसिंग पर अंडरब्रिज बनाने के लिए पिछले 10 साल से योजना बन रही है। राज्य शासन ने इसे बजट में भी शामिल किया है। लेकिन मद नहीं मिलने से उक्त योजना अधूरी रह गई। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद उद्योग, वाणिज्य और श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने पुन: अंडरब्रिज निर्माण कार्य हेतु पहल की। उसके बाद लगभग 9 महीने पहले कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने अंडरब्रिज के लिए प्रशासकीय मंजूरी का आदेश जारी किया। जिसकी लागत 30 करोड़ 97 लाख 89 हजार रुपए है। इसमें से 50 प्रतिशत राशि रेलवे देगी। 50 प्रतिशत राशि डीएमएफ से खर्च होगी। पीडब्ल्यूडी सेतु निगम इसके लिए तकनीकी मंनूरी भी ले चुकी है। लेकिन परेशानी का सबब रेलवे और सिंचाई विभाग की जमीन पर अतिक्रमण होना है। राज्य शासन ने बड़ी योजनाओं के लिए जब तक 90 प्रतिशत जमीन क्लियर नहीं होगी तब तक निविदा नहीं करने का नियम बनाया है। कलेक्टर ने जमीन खाली कराने राजस्व, नगर निगम, रेलवे, सिंचाई विभाग की संयुक्त टीम बनाई है।निजी जमीन बताकर न्यायालय में दी चुनौतीअंडरब्रिज से प्रभावित स्थल की जमीन को चार लोगों ने अपना बताते हुए जिला न्यायालय में याचिका लगाई है। न्यायालय में मामला जाने से जमीन का मामला उलझ सकता है। इस जमीन को रेलवे अपना बता रही है। वर्ष 1965 में यहां पर 4.57 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई थी। उसके बाद अगर दोनों विभाग अतिक्रमण नहीं होने देते तो परेशानी नहीं होती।सेतु निगम के एसडीओ एके जैन का कहना है कि नियमानुसार 90 फीसदी जमीन क्लियर होने के बाद ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगा। वर्तमान में संजय नगर में प्रस्तावित अंडरब्रिज निर्माण के लिए जमीन को राजस्व की टीम के द्वारा खाली कराया जा रहा है। जमीन क्लियर होते ही टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी