
मनमानी की शिकायतों पर संज्ञान
कोरबा। राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर उपभोक्ताओं की हितों की बात करना अपरिहार्य हो ही जाता है। देश भर में करोड़ों की संख्या में मोबाइल उपभोक्ताओं को निजी टेलीकॉम कंपनियों के रवैये से परेशानी की शिकायतें लगातार मिल रही थी। टेलीकॉल रेगुलर्टी कमिशन ऑफ इंडिया ने कंपनियों पर शिकंजा कसते हुए कहा है कि उन्हें न्यूनतम 10 रुपए का रिचार्ज तो रखना ही होगा साथ ही वैधता की अवधि भी 365 दिन करनी होगी।
खास मौके पर आए ट्राई के इस व्यवहारिक और उपयुक्त निर्णय ने उपभोक्ताओं को प्रसन्नता से भर दिया। वर्ष 2024 के समाप्त होने से महज एक सप्ताह पहले ट्राई के इस फैसले की यहां उपभोक्ताओं ने प्रशंसा की। कोरबा जिले में पिछले कुछ महीनों में नीतिगत कारणों से सरकारी टेलीकॉम कंपनी बीएसएनएल की उपभोक्ता संख्या में ढाई लाख से अधिक की बढ़ोत्तरी हुई है। जबकि निजी कंपनियों के उपभोक्ता या तो घटे हैं या फिर उन्होंने अपने सर्विस प्रोवाइडर को बदल लिया है। इन सबके बीच कंपनियों के द्वारा मनमाने तरीके से एक महीने के टैरिफ प्लान को बदलने और उपभोक्ताओं को चपत लगाने का काम शुरू कर दिया था। इसे लेकर चौतरफा आपत्तियों का दौर शुरू हुआ। राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की आवाज इस मामले में उठी और सरकार के साथ-साथ नियामक आयोग तक पहुंची जो टेलीकॉम सेक्टर पर नियंत्रण रखता है। माना जा रहा है कि इन सबको ध्यान में रखते हुए ट्राई ने निजी कंपनियों को कहा है कि वह उपभोक्ताओं की हितों का ध्यान रखते हुए अनिवार्य रूप से न्यूनतम रिचार्ज जारी करे। इसके साथ ही उन्हें वैधता अवधि जो वर्तमान में 90 दिन की है, उसे 365 दिन करे। ट्राई के अनुसार यह नियम कंपनियों के लिए बंधनकारी होगा। किसी भी कीमत पर इसका उल्लंघन करने की छूट नहीं दी जाएगी। उपभोक्ताओं ने कहा कि वास्तव में यह उनकी जीत है।