रामपुर। पीलीभीत में पुलिस से मुठभेड़ में मारे गए तीन आतंकियों के शव लेकर पंजाब जा रही एंबुलेंस रामपुर में लखनऊ-दिल्ली हाईवे पर खराब हो गई। उसके रेडिएटर में खराबी आई है। पहले एंबुलेंस पलटने की चर्चा हुई, अपर पुलिस अधीक्षक अतुल कुमार श्रीवास्तव ने इससे इनकार किया है। एंबुलेंस के साथ पुलिस के तीन वाहन हैं। एसपी विद्यासागर मिश्र भी मौके पर पहुंच गए हैं। रामपुर में दूसरी एंबुलेंस मंगवाई गई और 15 मिनट में शव लेकर पंजाब के लिए रवाना कर दिया गया। पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकियों के परिजन पंजाब से पीलीभीत आ गए। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। इस दौरान उन्होंने कहा कि इन लडक़ों की कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। आपस में तीनों की जान पहचान थी। ऐसे में मिलना जुलना रहता था। उन्होंने तीनों को निर्दोष बताया।मारे गए आतंकी गुरविंदर सिंह के पिता गुरदेव सिंह ने कहा कि वह मजदूरी करते हैं। बेटा ऐसा नहीं था। वह बिल्कुल यह नहीं मानते कि उनके बेटे ने कोई वारदात की। उसके पास कोई असलाह नहीं था। घर में एक साइकिल तक नहीं है। मजदूरी करके पेट पालते हैं। मारे गए आतंकी जसनप्रीत के पिता तारुन सिंह बोले कि बेटा अनपढ़ था। उसके पास कोई मोबाइल भी नहीं था। पुलिस चौकी पर हमले के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। सोमवार को सुबह उन्हें पता चला कि यहां बेटे को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया है। आतंकी वीरेंद्र सिंह के पिता नहीं आए।
उसके बहनोई गुरमीत सिंह आए। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा कि कभी कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी। सात-आठ दिन पहले घर से निकला था। मुठभेड़ के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता है।गौरतलब है कि पंजाब के गुरदासपुर में पुलिस थानों व चौकियों पर हमलों के आरोपियों पाकिस्तान समर्थित खालिस्तानी आतंकी गुरविंदर, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि व जश्नप्रीत उर्फ प्रताप सिंह को सोमवार को पीलीभीत में मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया है।उत्तर प्रदेश पुलिस व पंजाब पुलिस की संयुक्त टीम ने आठ किलोमीटर पीछा कर घेरा तो आतंकियों ने मॉडिफाइड एके-47 राइफल से 13 और ग्लाक पिस्टल से नौ फायर किए।जांच में सामने आया कि तीनों आतंकी ब्रिटेन, कनाडा व पाकिस्तान में बैठे सरगनाओं के संपर्क में थे। उनसे बातचीत के लिए जंगी एप्लीकेशन का उपयोग करते थे जिसका कॉल रिकॉर्ड सर्वर से कुछ ही सेकंड में नष्ट हो जाता है। तीनों को विदेशी फंडिंग की आशंका भी जताई गई है।
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