कोरिया बैकुंठपुर। एमसीबी जिले के नगर निगम चिरमिरी के बरतुंगा प्राथमिक शाला और डीएवी स्कूल की बिल्डिंग में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चे और शिक्षक रोजाना जान का खतरा उठाने को मजबूर हैं। स्कूल से महज 150 मीटर की दूरी पर स्थित एसईसीएल चिरमिरी की बरतुंगा ओपन कास्ट माइंस में हो रहे विस्फोटों के कारण स्कूल की इमारत में दरारें पड़ चुकी हैं और भूकंप जैसे झटकों का अनुभव किया जा रहा है।
शासकीय प्राथमिक शाला बरतुंगा का जायजा लिया तो वहां की स्थिति बेहद चिंताजनक पाई। बच्चों ने बताया कि पढ़ाई के दौरान अचानक विस्फोट होता है, जिससे पूरी बिल्डिंग हिलने लगती है। पांचवीं कक्षा की छात्रा मुस्कान ने बताया कि जब ब्लास्टिंग होती है, तो जमीन हिलती है और डर लगता है। वहीं चौथी कक्षा के एक अन्य छात्र ने कहा कि ऐसा लगता है कि कहीं छत गिर न जाए। स्कूल की शिक्षिका बिंदेश्वरी ने बताया कि हर ब्लास्टिंग के साथ बिल्डिंग में कंपन होता है। बच्चे पढ़ाई छोडक़र दौडक़र बाहर चले जाते हैं। हमें भी डर लगा रहता है कि कब छत गिर जाए।
डीएवी स्कूल की खतरनाक स्थिति
डीएवी स्कूल में 1,150 छात्र और 70 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। यहां भी विस्फोटों की वजह से बिल्डिंग में कंपन होता है। स्कूल के पास मिट्टी और पत्थरों का ढेर लगा है, जिससे बिल्डिंग और अधिक कमजोर हो गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी अजय मिश्रा ने बताया कि डीएवी स्कूल की स्थिति बेहद चिंताजनक है और कलेक्टर को इस बारे में अवगत कराया गया है। उन्होंने कहा आगामी शिक्षा सत्र 2025-2026 से डीएवी स्कूल को उस बिल्डिंग में संचालित नहीं किया जाएगा। मीडिया के माध्यम से पता चलने पर प्राथमिक शाला बरतुंगा के लिए भी कदम उठाए गए हैं। ब्लास्टिंग का समय दोपहर 2 बजे के बाद रखा गया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई सुबह 9.30 से 1.30 के बीच पूरी हो सके।
हालांकि, यह सवाल उठता है कि आखिर बच्चों की सुरक्षा के साथ समझौता क्यों किया जा रहा है विस्फोट के कारण पहले ही बिल्डिंग में दरारें पड़ चुकी हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करना अत्यंत आवश्यक है।