जांजगीर। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायत सरखों में अतिक्रमण इस कदर बढ़ता जा रहा है कि रातों रात जेसीबी लगाकर शासकीय भूमि को खोदकर खेत में बदल दिया जा रहा है। एक रात पहले जो शासकीय भूमि भाठा की तरह नजर आ रही होती है वो अगले दिन खेत में तब्दील हो चुकी होती है। विडंबना यह है कि इसकी शिकायत करते-करते खुद गांव के सरपंच और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि थक चुके हैं मगर राजस्व अफसरों ने तो जैसे कसम ही खा ली है कि ग्राम पंचायत सरखों में अतिक्रमण नहीं हटाएंगे। अतिक्रमणकारियों को एक तरह से राजस्व अफसरों ने खुली छूट दे दी है। नतीजा गांव में 75 फीसदी शासकीय भूमि पर कब्जा हो चुका होगा। चारागाह के लिए बचे भूमि तक अतिक्रमणकारियों से नहीं बच रहे हैं। ग्राम सरखों में 2015-16 में गांव के एकमात्र परसहन भाठा में शासकीय भूमि से अतिक्रमण हटाया गया था और उक्त स्थल पर पौधरोपण किया गया था ताकि फिर से कब्जा न कर सके। लेकिन आज हालात यह हो चुका है उक्त स्थल पर इतनी बड़ी तादाद में अतिक्रमण हो चुका है और पौधरोपण का नामोंनिशान तक नहीं बचा है। इसी तरह गांव के जोगी डबरी के बगल 1 एकड़ में करीब अतिक्रमण कर खेत बना लिया गया है तो करबानार बिहारी तालाब के पास करीब पांच एकड़ जमीन पर जेसीबी चलवाकर खेत बना दिया गया है। खेत बनाने का यह सिलसिला तेजी से बढ़ता जा रहा है।
गांव में शासकीय भूमि पर अतिक्रमण की बढ़ती संख्या को देखते हुए ग्राम पंचायत के द्वारा प्रस्ताव तक पारित कर चुका है गांव से अतिक्रमण हटाया जाए। सरपंच लोचन साव ने बताया कि राजस्व विभाग को प्रस्ताव भी सौंपा जा चुका है लेकिन राजस्व विभाग के अफसर सालभर से केवल तारीख पर तारीख देते आ रहे हैं। आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया। शुक्रवार को जांजगीर शहर के वार्ड क्रमांक 2 में बेजाकब्जा हटाया गया लेकिन वहां से चंद किमी दूर सरखों तक जाने अधिकारियों को फुर्सत नहीं मिली। इस संबंध में जानकारी लेने नायब तहसीलदार प्रशांत पटेल को दो बार काल किया गया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।