0 कोरबा में तीन दोस्तों की एक साथ जल समाधि, चौथे दिन मिली तीनों लाश

कोरबा। कोरबा जिले के दर्री थाना अंतर्गत सीएसईबी पश्चिम क्षेत्र से 3 फरवरी से लापता तीन युवकों की लाश डुबान क्षेत्र से बरामद की गई। घटना के चौथे दिन एक के बाद तीनों शव आसपास ही मिले। मित्र युवकों के शव मिलते ही परिजनों के साथ-साथ वहां मौजूद शुभचिंतकों की आंखें भी छलक पड़ीं।

जानकारी के मुताबिक आशुतोष सोनीकर पिता मुरलीधर 18 वर्ष, सागर चौधरी पिता महेंद्र चौधरी 28 वर्ष दोनों निवासी सीएसईबी कॉलोनी व बजरंग प्रसाद 19 वर्ष निवासी अयोध्यापुरी आपस में अच्छे दोस्त थे। 3 फरवरी को ये तीनों लापता हो गए। तीनों युवकों का वाहन, कपड़ा, मोबाइल, जूता सहित अन्य सामान नदी किनारे पाए गए। 3 फरवरी सोमवार की सुबह करीब 11 बजे ये घर से घूमने जाने के नाम से निकले तो फिर घर नहीं लौटे। परिजनों ने खोजबीन के साथ ही पुलिस को जानकारी दी। इस दौरान मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे पुलिस को सूचना मिली कि वार्ड क्र. 51 डांडपारा के किनारे से गुजरी हसदेव नदी के डुबान क्षेत्र में युवकों का कपड़ा, जूता दो पहिया वाहन, मोबाइल लावारिश पड़ा है। मौके पर मिले कपड़े और वाहन को परिजनों ने अपने बच्चों का होना बताया, तब से ही लापता युवकों के नदी में डूब जाने की आशंका जताई जाने लगी थी। दर्री पुलिस ने युवकों की तलाश शुरू की। गोताखोरों की टीम बुलाई गई जो लापता युवकों को नदी के अन्य हिस्सों में तलाशने उतरी लेकिन कुछ पता नहीं चला।
स्थानीय गोताखोरों के अलावा SDRF की टीम ने भी तलाश शुरू की।

गुरुवार को दो युवक सागर व बजरंग का शव डुबान क्षेत्र से बरामद किया गया गया है।
SDRF स्कूब डाइविंग और नगर सेना की टीम ने लगातार दो दिन तक मोटर बोट से जाकर हसदेव डुबान क्षेत्र में पानी की गहराईयों से 6 फरवरी की सुबह करीब 10 : 30 बजे सागर चौधरी का शव बरामद किया जो घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर दूर नदी में हाइटेंशन टॉवर के पास तैरते हुए मिला। इसके बाद नदी में तलाश की रफ्तार बढ़ा दी गई। दोपहर करीब दो बजे बजरंग का शव घटना स्थल से 4 किलोमीटर दूर डुबान क्षेत्र के जलकुंभी में फंसा बरामद हुआ। तीसरे युवक आशुतोष की तलाश में शाम 5 बजे तक रेस्क्यू में भी कुछ पता नहीं चलने पर रेस्क्यू रोक दिया गया। इसके बाद रात करीब 8 बजे दर्री डेम के किनारे एक मछुआरे ने पानी में शव देखा तो इसकी सूचना आसपास के लोगों सहित पुलिस को दी। SDRF की टीम ने मछुआरों की मदद से नाव के सहारे मौके तक पहुंच कर आशुतोष के शव को बरामद किया। एक साथ डूबे तीनों दोस्तों के शव घटना के चौथे दिन एक-एक कर बरामद हुए। शव मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। तीन दिनों से जिन पथराई आंखों से परिजन अपने बेटे का इंतजार कर रहे थे,उनमें आँसू छलक पड़े और इनकी चीत्कार से अन्य लोगों का भी कलेजा दहल उठा और वे भी छलक पड़े। पुलिस ने पोस्टमार्टम उपरांत शवों को परिजनों के सुपुर्द किया गया। गमगीन माहौल में शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा।