नई दिल्ली। बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के बीच प्रदर्शनकारियों ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग के कई नेताओं के घरों को निशाना बनाया। गुरुवार को ढाका में देश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर्रहमान के स्मारक को ध्वस्त करने की घटनाएं सामने आईं।

मुजीबुर्रहमान के घर में तोड़फोड़

बुधवार रात को प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के धानमंडी क्षेत्र में मुजीबुर्रहमान के घर के सामने रैली की। यह रैली इंटरनेट मीडिया पर ”बुलडोजर जुलूस” के आह्वान के बाद की गई। हसीना के भारत से एक ऑनलाइन संबोधन के विरोध में यह कदम उठाया गया था। भीड़ ने बुधवार को मुजीबुर्रहमान के घर में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी।

अवामी लीग के कई कार्यालय ध्वस्त

बांग्लादेश के अन्य हिस्सों से भी इसी तरह की आगजनी की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों को भी तोड़ डाला। एक खुदाई करने वाली मशीन को मुजीबुर्रहमान के घर को ध्वस्त करते हुए देखा गया। यही नहीं, उसके नजदीक अवामी लीग के कई कार्यालय भी थे, जिन्हें ध्वस्त किया जा रहा था। हसीना के दिवंगत पति वाजेद मियां का धानमंडी के रोड 5 पर स्थित ‘सुधा सदन’ भी आग के हवाले कर दिया गया। पांच अगस्त को हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के अपदस्थ होने के बाद से सुधा सदन खाली था। प्रदर्शनकारियों ने खुलना शहर में हसीना के चचेरे भाई शेख हेलाल उद्दीन और शेख सलाउद्दीन ज्वेल के घर को भी ध्वस्त कर दिया। हजारों लोग घर के चारों ओर इकट्ठा हुए और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारी छात्रों ने ढाका विश्वविद्यालय के बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान हाल से शेख का नाम भी हटा दिया। कुश्तिया-3 के पूर्व सांसद और अवामी लीग के संयुक्त महासचिव महबुबुल आलम हनीफ और कुश्तिया अवामी लीग के अध्यक्ष सदर खान के घरों को भी लूट लिया गया। इस बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक प्रमुख सलाहकार ने नागरिकों से विनाशकारी कार्यों से ध्यान हटाकर रचनात्मक पहलों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।