कोरबा। आदिवासी बाहुल्य जिले में शासकीय प्राथमिक शाला कारीछापर ब्लॉक पाली में पदस्थ शिक्षक संतोष कर्ष एक नवाचारी शिक्षक के रूप में जाने जाते हैं इसी वर्ष उन्हें उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन द्वारा मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण से सम्मानित किया गया है अलंकरण में मिली हुई राशि से उन्होंने आदिवासी बच्चों को जूते प्रदान किया उन्होंने देखा कि बच्चे नंगे पैर ही स्कूल आ जाते हैं तब इस राशि को उन्होंने इन बच्चों पर खर्च किया पिछले साल भी उन्होंने अपने मित्र की सहायता से 70 जोडिय़ां जुते बच्चों को प्रदान किए थे वे बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता को भी बनाए रखने के लिए समय-समय पर उन्हें नवोदय परीक्षा में बैठाकर उन्हें निशुल्क नवोदय की पुस्तक के प्रदान करवाते हैं उनके शिक्षा के प्रति योगदान को देखते हुए उनके मित्र उनकी मदद भी करते हैं उन्होंने स्कूल के लिए भौतिक सामग्री वाटर फिल्टर एलइडी प्रदान किए हैं समय-समय और बच्चों को स्कूली बैग जूते खेल सामग्री स्वेटर तरह-तरह के मौसम अनुकूल कपड़े पानी बोतल प्रदान कराते रहते हैं कार्यों का अनुकरण करते हैं
मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण से सम्मानित हुए शिक्षक संतोष कर्ष नवाचारी शिक्षक भी हैं उनके नवाचार को अन्य शिक्षकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है कबाड़ जुगाड़ प्रतियोगिता में भी वह ब्लॉक एवं जिला स्तर पर अपना परचम फर चुके हैं वे दिव्यांगों की मदद भी करते हैं और उनके लिए सहायता राशि जुटाते हैं शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें सीसीआरटी दिल्ली उदयपुर में भी विभिन्न प्रशिक्षण हेतु आमंत्रित किया गया था वे अपने जिले में एफएलएन के जिला स्तर और राज्य स्तर के मास्टर ट्रेर्न भी है उनके स्कूल से दो बच्चों का चयन एकलव्य आवासीय विद्यालय के लिए भी हुआ है आदिवासी बालक सूर्य प्रकाश नेटी का चयन गुरुकुल पेंड्रा के लिए हुआ है मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण मिलने से विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्यामानंद साहू ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक संतोष कर्ष बच्चों के लिए समय-समय पर कुछ ना कुछ नवाचार करते रहते हैं उनके इस कार्य से अन्य शिक्षक भी उत्साहित होकर आगे आते हैं। बीआरसी राम गोपाल जयसवाल जी ने कहा कि शिक्षक संतोष कर्ष ने शिक्षा के क्षेत्र में पाली ब्लॉक का नाम रोशन किया है शिक्षक संतोष कर्ष ने कहा कि आगे भी मेरा है अभियान प्रारंभ रहेगा आदिवासी बच्चों के लिए नहीं लगातार मेहनत करता ही रहूंगा और उन्होंने उनके मंजिल तक ले जाने में मदद करूंगा।