भोपाल, २१ फरवरी ।
मध्य प्रदेश के बालाघाट में बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में मारी गईं चार महिला नक्सली कान्हा भोरमदेव दलम से जुड़ी थीं। यह दल कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के कवर्धा के पास भोरमदेव मंदिर के बीच के क्षेत्र में सक्रिय है। नक्सली कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के विस्थापित वन ग्रामों को अपना ठिकाना बना रहे हैं। यहां विस्थापित ग्रामीणों के सूने पड़े मकान नक्सलियों के छुपने के काम आ रहे हैं। यहां से मंडला जिले से होते हुए नक्सली अपनी पैठ अमरकंटक तक करने की कोशिश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ होते हुए यह नक्सलियों ने झारखंड तक यह कारिडोर बनाया है। पुलिस को खुफिया तौर पर यह भी पता चला है कि नक्सलियों में महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक हो गई है। यही कारण है कि इन इलाकों में भी नक्सली दलम में महिलाओं की संख्या बढ़ी है। रणनीति के तहत बड़े नक्सली हर जगह उन्हें ही आगे कर रहे हैं।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर 2024 में भी कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में नक्सलियों के साथ दो अलग-अलग दिन दो मुठभेड़ हो चुकी हैं। इससे साफ है कि नक्सली इस क्षेत्र को सुरक्षित समझकर ठिकाना बना रहे हैं। उधर, मध्य प्रदेश में मुठभेड़ के बाद छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर भी दोनों राज्य अलर्ट हैं, जिससे मुठभेड़ में बचे नक्सली छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले की तरफ न भाग सकें। छग ने नक्सलियों के आने-जाने वाले कारिडोर में चौकसी बढ़ा दी है। मुठभेड़ में मारी गई महिला नक्सलियों के पास मिली इंसास राइफल और एसएलआर के संबंध में दूसरे राज्यों से जानकारी मांगी जाएगी। इन हथियारों में दर्ज सीरियल नंबर से पता चलेगा कि कहां से बने हैं। नक्सलियों ने छीने हैं या चुराए हैं। बता दें कि दोनों हथियार पुलिस और सेना को ही मिलते हैं।