
स्वीकृत सीट 60-60 के स्थान पर कमी कर 30-30 करने की अनुशंसा
कोरबा । कोरबा जिले के दो सहित प्रदेश भर के 38 शासकीय महाविद्यालयों में गणित-विज्ञान, बीसीए और वाणिज्यसहित विभिन्न पाठ्यक्रमों की स्थिति डावांडोल है। ऐसे में कुछ महाविद्यालय जहां बंद हो गए, तो किसी का विलय करने की दशा निर्मित हुई। इनके अलावा खासकर गणित विषय में प्रवेश निरंक या प्रवेशित विद्यार्थियों के मुकाबले उत्तीर्ण की संख्या कम हो गई। ऐसे में उन महाविद्यालय में या तो स्वीकृत सीट संख्या आधी अथवा घटाई जा रही है, तो कोरबा के उमरेली जैसे महाविद्यालय में समूह को ही बंद किया जा रहा है। जिले के जिन उच्च शिक्षण संस्थाओं में गणित और कंप्यूटर सांइस की अकादमिक स्थिति चिंताजनक है, उनमें उपलब्ध सीटों की संख्या में कटौती पर विचार किया जा रहा है। पोषक शाला अभियान के तहत प्रस्तुत रिपोर्ट में फिलहाल दो शासकीय महाविद्यालय शामिल हैं। इनमें शासकीय मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज और शासकीय नवीन महाविद्यालय उमरेली का भी नाम है। मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज में गणित संकाय में प्रवेश एवं उत्तीर्ण की संख्या निम्न होने के कारण गणित व कंप्यूटर साइंस में स्वीकृत सीट 60-60 के स्थान पर कमी कर 30-30 करने की अनुशंसा की गई है। इसी तरह उमरेली महाविद्यालय में पिछले दो वर्षों से प्रवेश संख्या निरंक है। पोषक शालाओं में भी इस विषय में प्रवेश न्यूनतम है। इसलिए यहां गणित समूह को बंद करने की अनुशंसा की गई है। जिले के महाविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों और उनमें उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों की अकादमिक स्थित पर की गई समीक्षा में कुछ संस्थाओं से निराशाजनक नतीजे सामने आए हैं। इनमें शहर के मध्य संचालित कोरबा जिले के एकमात्र कन्या महाविद्यालय, मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज और शासकीय महाविद्यालय उमरेली शामिल हैं। इन महाविद्यालयों में खासकर गणित समूह में अध्ययन-अध्यापन और उसके परिणाम को लेकर संतुष्टिजनक परिणाम नहीं मिल सके हैं। पोषक शाला अभियान की रिपोर्ट के अनुसार मिनीमाता गर्ल्स कॉलेज में गणित संकाय में प्रवेश एवं उत्तीर्ण की संख्या निम्न होने के कारण गणित एवं कंप्यूटर साइंस में स्वीकृत सीट 60-60 के स्थान पर कमी कर 30-30 करने की अनुशंसा की गई है। इसी तरह उमरेली कॉलेज में पिछले दो वर्षों से प्रवेश संख्या निरंक है। पोषक शालाओं में भी इस विषय में प्रवेश न्यूनतम है।