
लखनऊ, 0९ मार्च ।
संभल में सीओ अनुज चौधरी के होली और जुमे वाले बयान तथा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में होली मिलन समारोह प्रकरण को लेकर सपा और भाजपा में वार-पलटवार शुरू हो गया है। एक दिन पहले सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर प्रश्न उठाया था तो पार्टी के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने सपा सरकार आने पर ऐसे अधिकारियों को जेल भेजने की बात कही थी।शनिवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इसे लेकर हमला किया। कहा कि अखिलेश ईद मिलन करें, हम होली मिलने करेंगे। 2027 छोडि़ए वर्ष 2047 तक सपा की सत्ता आने का कोई अवसर नहीं है। तीन दिन पूर्व संभल में शांति समिति की बैठक के दौरान सीओ अनुज चौधरी ने कहा था कि होली के दिन सिर्फ वही लोग बाहर निकलें जिन्हें रंग से कोई आपत्ति न हो। होली साल में एक बार आती है जबकि जुमे 52 होते हैं।इनको लेकर अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा था कि ‘जिन अधिकारियों को होली और ईद के गले मिलने में एकरूपता देखनी चाहिए, अगर वो ही नकारात्मक बात करेंगे तो भेदकारी भाजपा के राज में सौहार्द की रक्षा कैसे होगी’। वहीं प्रो. रामगोपाल यादव ने कहा था कि ‘जब सरकार में आएंगे, ऐसे लोग जेल में रहेंगे’। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि संभल में हिंसा सीओ द्वारा ही भडक़ाई गई थी। इस मामले में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई सही बात कहता है तो सपा को मिर्ची लगती है। एएमयू में होली मिलने को लेकर सपा की टिप्पणी के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ईद मिलन करें, हम होली मिलन करेंगे। रामगोपाल यादव के बयान पर बोले कि 2047 तक उनके लिए कोई अवसर नहीं है। वहीं राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने भी सपा पर हिंदुओं के विरोध और मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।इस बार रमजान का दूसरा जुमा और होली एक साथ 14 मार्च को पड़ रही है। इसको देखते हुए दारुल उलूम ने मुस्लिमों से करीबी मस्जिदों में ही नमाज अदा करने की अपील की है। कहा, दूरदराज की मस्जिदों में न जाएं और न ही ऐसे स्थानों से गुजरें जहां रंग खेला जा रहा हो।दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी ने कहा कि चूंकि इस बार रमजान का दूसरा जुमा और होली एक साथ पड़ रहे हैं।
ऐसे में मुस्लिम समाज के लोग अपने मुहल्ले की या करीबी मस्जिदों में ही नमाज अदा करने जाएं। या फिर ऐसे स्थान पर एकत्र होकर अदा करे जहां नमाज अदा करने में कोई दिक्कत न हो।दूर दराज की मस्जिदों में जाने से परहेज किया जाए। बता दें कि जब कभी ऐसे मौके आते हैं तो दारुल उलूम देवबंद ऐसी अपीलें जारी करता रहा है, ताकि देश में अमन शांति बनी रहे। कोरोना काल में भी दारुल उलूम ने घर में रहकर नमाज अदा करने की अपील की थी और इस अपील के सकारात्मक परिणाम सामने आए थे।