जांजगीर–चांपा । भारतीय जनता पार्टी कोरबा की संक्रामक बीमारी अकलतरा पहुंच गई। नगर पालिका अकलतरा के चुनाव में बहुमत के बाद भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा के पार्षदों ने ही अपने उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी के खिलाफ में क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस से उपाध्यक्ष उम्मीदवार दिवाकर सिंह की ताजपोशी करा दी। नगर पालिका उपाध्यक्ष पद के लिए कुल 21 वोट डाले गए। इनमें सभी वोट वैध रहे। कोई रद्द नहीं हुआ। भाजपा की ओर से चार वोट क्रॉस हुए हैं।

आपको बता दें कि नगर की जनता ने नगर सरकार के लिए जनादेश निर्दलीय प्रत्याशी को देकर नगरपालिका अध्यक्ष के लिए दीप्ति रोहित सारथी को जिताया था। उपाध्यक्ष के पद पर भाजपा के पास बहुमत होने के बावजूद कांग्रेस ने कब्जा जमा लिया।नगरपालिका उपाध्यक्ष चुनाव में कांग्रेस से दिवाकर राणा और बीजेपी से मुरलीधर मिश्रा को उम्मीदवार बनाया गया था। इस चुनाव में कांग्रेस के पाले में निर्दलीय सहित 09 मत थे। जबकि बीजेपी के पास 12 पार्षद थे। निर्वाचित नपा अध्यक्ष और 20 वार्ड के पार्षद ने अपने मतों का प्रयोग किया, जिसमें कांग्रेस के पक्ष में 13 तो भाजपा के उपाध्यक्ष प्रत्याशी को 8 वोट मिले। कांग्रेस के दिवाकर राणा नगरपालिका में उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए।

क्रॉस वोटिंग की भाजपा करेगी समीक्षा

बहुमत के बावजूद भाजपा की हार के बाद पार्टी में भूचाल मचा हुआ है। भाजपा पार्टी के लिए अकलतरा नगरपालिका में कुल 20 वार्डो में 12 वोट थे। जिससे पार्टी मजबूती के साथ मैदान पर थी, उसके बावजूद भाजपा पार्षद के क्रॉस वोटिंग से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। जिलाध्यक्ष अम्बेश जांगड़े ने कहा कि हमारे 4 पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग करके पार्टी से गद्दारी की है। इसकी समीक्षा की जा रही है, भाजपा के जो भी पार्षद हो उन पर बहुत जल्द कड़ी कार्रवाई देखने को मिलेगी।

यहां उल्लेखनीय है कि भाजपा में बगावत की शुरुआत नगर निगम कोरबा के सभापति चुनाव के साथ हुई। 67 में 45 पार्षद भाजपा से जीतकर आए थे। इसके बाद भी भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल चुनाव हार गए। भाजपा के बागी प्रत्याशी नूतन सिंह राजपूत 33 वोट हासिल कर चुनाव जीत गए। हालांकि काफी सोच विचार करने के बाद पार्टी ने नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से निकाल दिया जो कार्रवाई तत्काल होनी थी उसमें पार्टी ने एक दिन बाद कार्रवाई की।

छत्तीसगढ़ में हुई इस पहली शर्मनाक हार के 24 घंटे बाद तक पार्टी नेतृत्व की सुस्ती बनाम चुप्पी ने अकलतरा के पार्षदों की हौसला अफजाई की और पार्टी को अंगूठा दिखाते हुए चार पार्षदों ने क्रास वोटिंग कर दी।