
नोएडा, ११ मार्च
सेक्टर-75 स्थित एपैक्स एथेना सोसायटी में सोमवार सुबह 15 वीं मंजिल से कूदकर जीएसटी डिप्टी कमिश्नर संजय सिंह ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया। उधर, पत्नी ने आरोप लगाया है कि उनके पति पर कार्यालय का मानसिक दबाव था और इसके लिए व्यवस्था जिम्मेदार ठहराया है। पति के 10 साल पहले प्रोस्टेट कैंसर पीडि़त होने और वर्तमान में सामान्य जीवन जीने की बात कही है। वहीं संजय के चचेरे भाई ने गिर कर मौत होना बताया है।पुलिस के मुताबिक सोमवार सुबह करीब 11 बजे सूचना मिली कि एपैक्स एथेना सोसायटी में संजय सिंह ने 15 वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। 15 वीं मंजिल में जहां से कूदे, वहां पर टैरेस गार्डन है। घटना के समय घर पर पत्नी ही थी और दोनों बेटे घर से बाहर थे। पुलिस ने मौके पर फारेंसिक टीम बुलाकर जांच की। पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजवाया। शाम को पोस्टमार्टम कराकर स्वजन को सौंप दिया।संजय सिंह की पत्नी अर्पणा ने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनके पति कैंसर से पीडि़त थे लेकिन अंतिम स्टेज पर नहीं थे। पति संजय ने अपने अलावा ससुर समेत दो लोगों का कैंसर का उपचार कराया था। उन पर जो भी था। कहीं ना कहीं पति का कार्यालय का मानसिक दबाव ज्यादा था। इसको उनके साथी व विभागीय लोग अच्छे से समझ पाएंगे। उन्होंने दोहराते हुए कहा कि पति पर वाकई मानसिक दबाव ज्यादा था।परिवार को ऐसा कोई भी अंदेशा नहीं था कि उनको कुछ होने वाला है। यह जो भी कुछ हुआ, वह सामान्य बात नहीं है। अर्पणा ने इस सबके पीछे व्यवस्था को भी दोषी ठहराया और कहा कि इसको लेकर कोई जबाव दे सकता है तो वह सामने आकर बात करे। व्यवस्था को ठीक करने के लिए गहन अध्ययन करना पड़ेगा।
गाजियाबाद जीएसटी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक संजय की दो साल पहले जिले में तैनाती हुई थी। वह शुरूआत से ही विभागीय सु्प्रीम कोर्ट संबंधी पटल से संबंधित कार्य देख रहे थे। कुछ दिनों पहले ही खंड दो का प्रभार संजय को दिया गया था। अतिरिक्त चार्ज को लेकर संजय के चचेरे भाई ने कहा कि संजय अतिरिक्त चार्ज को लेकर परेशान थे। संजय आफिस के तनाव को लेकर सीनियर को फोन कर चार्ज हटवाने को कह रहा था। सेक्टर 113 थाना पुलिस मामले में जांच कर रही है।मूल रूप से प्रतापगढ़ के रहने वाले संजय सिंह पत्नी व दो बेटों के साथ सेक्टर-75 स्थित एपैक्स एथेना सोसायटी के ई टावर की 20 वीं मंजिल के फ्लैट में रहते थे। सोसायटी में पांच छह साल से थे।
उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। बड़ा बेटा गुरुग्राम में नौकरी करता है जबकि छोटा बेटा ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है।संजय की घटना को विभाग से जोडक़र इंटरनेट मीडिया पर लखनऊ में एडिशनल कमिश्नर अधिकारी याददाश्त चले जाना, बुलंदशहर में तैनात अधिकारी का नोएडा में खुद को गोली मारना जैसे प्रकरणों को भी हवा मिली। चर्चा रही कि शासन स्तरीय अधिकारियों की सख्ती के चलते विभाग में कामकाज का तनाव लगातार बढ़ रहा है। प्रमुख सचिव समेत विभागीय अधिकारियों के टारगेट आधारित कार्य परेशानी बन रहे हैं। इन सब से कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक प्रभावित हैं। लोगों ने मानसिक तनाव के कारणों की गहराई से जांच कराने और ठोस समाधान निकालने पर जोर दिया है।