
मुंबई । हत्या के एक मामले के मुख्य आरोपित जगपालप्रीत सिंह पर मुकदमा करना के लिए मुंबई पुलिस कानूनी तरीके तलाश रही है, क्योंकि बेल्जियम के अधिकारियों ने भारत में प्रत्यर्पण की अनुमति देने से इन्कार कर दिया है।नाम न बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम इंटरपोल और बेल्जियम के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
हमने रेड कार्नर नोटिस जारी किया था और हमें जवाब मिला है कि जगपालप्रीत सिंह को भारत प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह बेल्जियम का नागरिक है। आरोपित बेल्जियम के अधिकारियों की हिरासत में है। पुलिस अब बेल्जियम में आरोपित पर मुकदमा चलाने के लिए कानूनी उपाय तलाश रही है। अधिकारी ने कहा कि हम कानूनी विशेषज्ञों की राय लेंगे और फिर किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। यह मामला पिछले साल पांच अगस्त को तब सामने आया था, जब 33 वर्षीय अरशद शेख की उसके दोस्तों 32 वर्षीय जय पवन चावड़ा और 34 वर्षीय शिवजीत सिंह ने पाइधोनी स्थित एक घर में हत्या कर दी थी।उन्होंने शेख को मारने के लिए हथौड़े और टूटी हुई बीयर की बोतलों का इस्तेमाल किया और फिर उसके शव को एक सूटकेस में भर दिया। उनका इरादा दादर प्लेटफॉर्म 11 पर एक एक्सप्रेस ट्रेन में शव को ठिकाने लगाने का था, लेकिन रेलवे पुलिस ने उन्हें अपनी योजना को अंजाम देने से पहले ही पकड़ लिया।
जांच के दौरान पता चला कि इस हत्या में शामिल आरोपित और पीडि़त मूक-बधिर हैं। पुलिस ने शेख की पत्नी रुखसाना शेख को भी गिरफ्तार किया था, जो हत्या में शामिल थी और जिसका चावड़ा के साथ कई सालों से प्रेम संबंध था।जांच के दौरान पता चला कि बेल्जियम का नागरिक जगपालप्रीत सिंह सीधे तौर पर हत्या में शामिल था और वह इस मामले का मुख्य आरोपित है। इस मामले में पुलिस द्वारा ने आरोप पत्र दायर किया गया और कहा कि 50 वर्षीय जगपालप्रीत सिंह ने अरशद शेख को सबक सिखाने के लिए उसकी हत्या की साजिश रची थी।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हमें एक वीडियो मिला है, जिसमें जगपालप्रीत शेख की हत्या करते समय चावड़ा और सिंह को अपना पासपोर्ट और पैसे दिखा रहा था। हत्या का वीडियो प्रसारित होने के बाद जगपालप्रीत ने एक वाट्सएप ग्रुप में एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें दावा किया गया कि उसने दोनों को शेख को मारने का निर्देश नहीं दिया था, बल्कि केवल ”उसे सबक सिखाने” के लिए कहा था।