पाली//कोरबा। नगर पंचायत पाली से लगे करतली के ग्रामीणों ने साउथ ईस्ट कोलफील्ड लिमिटेड (एसईसीएल) की अंबिका ओपन कास्ट माइन से प्रभावितों ने बसाहट और रोजगार की मांग को लेकर पांच दिनों से प्रदर्शन करते हुए खदान के ओबी खनन कार्य के काम को रोक दिया है । जानकारी मिलने पर स्थल पर पहुंचे तहसीलदार सूर्य प्रकाश केसकर ने ग्रामीणों से मुलाकात किया और समझाइश देने का प्रयास किये पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं हो पाया गांव के ग्रामीण अपने मांग पर अंडिग हैं और आंदोलन जारी रखी है ।
ग्रामीणों ने कहा कि बसाहट और रोजगार की मांग पर कोई समझौता नहीं हो सकता और आंदोलन वापस लेने से इनकार कर दिये उन्होंने कहा कि वे अपने अधिकार के लिए लड़ेंगे और अपनी मांगों को लेकर समझौता नहीं करेंगे ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती कोई बातचीत भी नही किया जाएगा । इस मामले में आगे की कार्यवाही के लिए तहसीलदार ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया है अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है क्या गांव के ग्रामीणों की मांगे पूरी होगी या नहीं मांगों को लेकर लगातार आंदोलन और प्रदर्शन अभी भी जारी है ।
अम्बिका परियोजना में छोटे खातेदारों को रोजगार और मेगाप्रोजेक्ट के समान बसाहट की मांग 5 साल पहले से किया जा रहा है एसईसीएल प्रबन्धन जबरदस्ती विस्थापन करना चाहती है जिसके कारण हमें आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ा है ।
ज्योतिष कुसरो सरपंच ग्राम करतली
एसईसीएल एक कंपनी है पर खदानों में अलग अलग नियमो के तहत पुनर्वास नीति अपनाई जा रही है । दीपका ,कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र में लागू पुनर्वास नियम बसाहट राशि 15 लाख रुपये दी जा रही है भूविस्थापितों के रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 5 लाख का टेंडर का प्रावधान रखा गया है इसे सभी क्षेत्रों में लागू कराने ,करतली अम्बिका प्रोजेक्ट सराईपाली (बूड़बूड़) कोरबा क्षेत्र बरोद रायगढ़ क्षेत्र में इन्ही माँगो पर आंदोलन चलाया जा रहा है इन माँगो के साथ अन्य मुद्दों सहित इस महीने के अंतिम सप्ताह में हजारों भूविस्थापितों के साथ एसईसीएल मुख्यालय में प्रदर्शन ,तालाबंदी किया जाएगा ।