जांजगीर । जिले की ट्रैफिक व्यवस्था बना पाने यातायात पुलिस नाकाम है। रहने को विभाग मैं चार-चार इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर सहित 30 से अधिक आरक्षक व प्रधान आरक्षक तैनात हैं, लेकिन शहर में यातायात व्यवस्था बना पाने में यातायात पुलिस नाकाम साबित हो रहे हैं। बीते ढाई महीने की बात करें तो तकरीबन 20 लोगों से अधिक लोगों की जान सडक़ पर चली गई है। इधर लोगों को आवागमन के लिए जागरूक करने के लिए लोगों को पांप्लेट वितरण कर रही और वाहनों में स्टीकर चिपकाने का काम कर रही है। जबकि करना यह चाहिए कि वाहनों में चार सवारी वाले वाहनों को रोकना चाहिए, शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसे वाहन चालकों पर कार्रवाई नहीं की जाती। यही वजह है कि आए दिन ऐसे वाहन चालक भारी वाहनों की चपेट में आते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं। इससे मौके पर बाइक चालकों
चार दिशाओं में चार टीम, केवल वसूली पर जोर
यातायात पुलिस वाहन चालकों पर कार्रवाई करने के लिए चार टीम बनाती है और चारों दिशाओं में निकल पड़ती है। टीम के द्वारा वाहन चालकों को समझाइश देने के बजाए बिना कागजात के भारी वाहन चालकों से अवैध वसूली कर चलता कर देती है। इनका चालान भी नहीं काटा जाता। यातायात टीम के द्वारा केवल अपनी जेब भरने का काम किया जाता है। हद तो तब हो जाती है जब सभी कर्मचारियों का खुद का मोबाइल फोन पे स्केनर साथ होता है। यदि किसी के पास नकदी नहीं होता तो वे फोन पे पर भी रिश्वत लेते हैं।