
फिरोजाबाद, २१ मार्च ।
बैंक ऋण के लाखों के बकाए पर पकडक़र लाए गए बकाएदार की पत्नी और बेटे ने गुरुवार सुबह तहसील परिसर में आत्मदाह का प्रयास किया। आग लगने से पूर्व वहां खड़े अधिवक्ता ने उनके हाथ से माचिस छीन ली। घटना से तहसील प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए। बाद में पुलिस ने दोनों के विरुद्ध शांतिभंग की कार्रवाई की है। इस घटनाक्रम के बाद तहसील प्रशासन ने बकाएदार को भी छोड़ दिया।गांव रुधऊ मुस्तकिल निवासी पोप सिंह ने सेंट्रल बैंक से आठ वर्ष पूर्व 1.15 लाख रुपये का ऋण लिया था। जमा न करने पर गुरुवार सुबह संग्रह अमीन उनके घर पहुंचे और पोप सिंह को पकडक़र तहसील ले आए। 10.30 बजे उनके पीछे-पीछे पत्नी शिव देवी और बेटा प्रताप सिंह केरोसिन आयल की कट्टी लेकर तहसील पहुंच गए। वहां उन्होंने एसडीएम न्यायालय के सामने पार्क में अपने ऊपर केरोसिन डाल लिया। वह आग लगाने के लिए माचिस जला रहे थे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे अधिवक्ता गणेश कुमार ने देख लिया। उन्होंने हाथ मारकर कट्टी को गिरा दिया और माचिस छीन ली। उन्होंने शोर मचाया तो भीड़ जुट गई। तहसील कर्मी दोनों एक कमरे में ले गए और कमरा बंद कर लिया। वहां उनसे काफी देर पूछताछ की।
घटना की जानकारी अधिकारियों को दी गई। मौके पर पहुंची डाक्टरों की टीम ने दोनों की जांच की। कपड़े बदलवाने के बाद मां-बेटे के साथ पोप सिंह को भी थाने भेज दिया गया। इस संबंध में एसडीएम अनुराधा सिंह ने बताया कि पोप सिंह पर लगभग तीन लाख रुपये का बकाया है। नोटिस के बाद भी जमा नहीं कर रहा था। गुरुवार सुबह जब टीम घर पहुंची तो प्रताप सिंह ने अमीन के साथ अभद्रता कर दी।
बेटा कह रहा था कि पहले अंबानी और अणानी का बैंक ऋण जमा कराओ, तब हमारे पास आना। मां-बेटे ने बिना किसी से मिले अपने ऊपर केरोसिन डाल लिया। एसडीएम का ये भी कहना था कि टीम बकाएदार को पकडक़र नहीं लाई थी। वह स्वयं आया था। बाद में उसे घर भेज दिया गया। इंस्पेक्टर अंजीश कुमार का कहना है कि मां-बेटे के विरुद्ध शांतिभंग की धाराओं में कार्रवाई की गई है।
तहसील प्रशासन के रवैये से नाराज गांव बसई निवासी प्रवीन पाराशर ने भी 30 मई 2013 को तहसील में एसडीएम न्यायालय के बाहर अपने ऊपर डीजल डालकर आग लगा ली थी। युवक की उपचार के दौरान मृत्यु हो गई थी।

























