अपने हिसाब से छात्रावास में आते हैं अधीक्षक और शिक्षक

जैजैपुर। नवगठित जिला सक्ती के जैजैपुर ब्लाक अंतर्गत गुचकुलिया का बालक छात्रावास पूरी तरह से भगवान भरोसे संचालित हो रहा है। यहां प्रभारी अधिकारी और प्रधान से लेकर शिक्षक तक की उपस्थिति नियमित नहीं होती। बताया जाता है। कि उपस्थिति पंजी में भी कई कई दिनों के हस्ताक्षर नहीं होते।
जैजैपुर वकासखंड के गुचकुलिया में संचालित अनुसूचित जनजाति बालक छात्रावास में अव्यवस्था की शिकायत कोई नई बात नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक यहां प्रभारी अधीक्षक से लेकर बाकी का स्टाफ अक्सर नदारद रहता है। गत दिवस भी इसी तरह की स्थिति नजर आई। हद तो तब हो गई जब उपस्थिति पंजी में भी स्टाफ के हस्ताक्षर कई हफ्तों तक नहीं हुए थे। भी विभाग अधिकारियों से की है। शिकायत पर मंडल निरीक्षक संदीप खाण्डे जांच में पहुंचे। बताया जाता है कि इस दौरान भी जिम्मेदार प्रभारी और स्टाफ के लोग नहीं थे।
जनपद पंचायत जैजैपुर के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति विकास विभाग के अंतर्गत संचालित बालक छात्रावास गुचकुलिया के भृत्य को मालखरौदा ब्लाक के अड़?भार अनुसूचित बालक छात्रावास में स्थानांतरण कर िदया गया है। स्थानांतरण आदेश 3 जनवरी 2025 को जारी किया गया था। इसके बाद भी उक्त भृत्य गुचकुलिया छात्रावास में ही ड्यूटी कर रहा है। वकायदा उसे वेतन भी गुचकुलिया छात्रावास से ही मिल रहा है। संदीप खांडे मंडल निरीक्षक ने कहा उक्त कर्मी का स्थानांतरण आदेश निरस्त किया जा चुका है। छात्रावास में अपनी सेवा दे रहा है। यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। है। कि आखिर किन परिस्थितियों में उक्त चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का स्थानांतरण किया गया। ऐसी कौन सी स्थिति निर्मित हो गई की आदेश को महीने भर नहीं बिता वह आदेश निरस्त भी कर दी गई। इधर सरपंच सुष्मा विक्रम चंद्रा का कहना है कि अधीक्षक प्रधान पाठक हमेशा छात्रावास से नदारद रहते हैं। यहां छात्रो की संख्या काफी नगण्य रहती है। छात्रावास में किसी भी प्रकार का नियंत्रण नहीं है।
जारी किए हैं नोटिस
शिकायत मिली है। निरीक्षण किया गया है। अव्यवस्था देखी अधीक्षक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है।
-संदीप खांडेकर,
मंडल निरीक्षक

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