
कोरबा। छत्तीसगढ़ के प्रदूषित शहरों में टॉप पर कोरबा जिले के खनन और पावर एरिया शामिल हैं। ऐसे में चाहे नागरिक हो, अधिकारी या मंत्री, प्रदूषण के असर से बच नहीं सकता। गेवरा प्रवास पर पहुंचे कोयला खान मंत्री जी.किशन रेड्डी का सामना ऐसी स्थिति से हुआ। इलाके की तस्वीर ने उन्हें चौकाया। हेलीकाप्टर से गेवरा पहुंचने के बाद उन्होंने कुछ समय गेवरा हाउस में बिताया और पिुर खदान का निरीक्षण करने पहुंच गए।
कोयला मंत्री रेड्डी के साथ एसईसीएल के सीएमडी सहित निदेशकगण और कोरबा जिले के सीजीएम भी शामिल थे। मंत्री रेड्डी अपने काफिले के साथ गेवरा माइंस के व्यू प्वाइंट पहुंचे। अधिकारियों ने उन्हें खदान के मौजूदा क्षेत्रफल के साथ-साथ विस्तार की योजना के बारे में जानकारी दी। बताया गया कि आसपास के क्षेत्र को खदान में शामिल किया जा रहा है। इससे जुड़ी अड़चनों की जानकारी भी मंत्री को दी गई। इनके समाधान के तौर-तरीके खोजने का आश्वासन मिला। कोयला मंत्री की इसी सिलसिले में कल सुबह 11 बजे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से चर्चा होना है। कोयला मंत्री रेड्डी आज गेवरा और दीपका माइंस के विजिट के बाद प्रबंधन के साथ बैठक करेंगे। इधर मंत्री के प्रवास के दौरान विस्थापितों के द्वारा काले झंडे दिखाने की घोषणा के मद्देनजर पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की गई थी ताकि ऐसा कुछ हो न पाए। पुलिस और सुरक्षा कर्मियों का इंतजाम मौके पर किया गया। गेवरा प्रवास के दौरान मंत्री के ध्यान में जो चीजें आई उनमें प्रदूषण अहम रहा।
प्रदूषण निवारण की हो व्यवस्था
भाजपा पार्षद अरूणीश तिवारी ने कोयला मंत्री से कहा कि गेवरा, दीपका क्षेत्र में प्रदूषण निवारण के लिए ठोस प्रबंध किए जाएं। कोयला वाहनों के लिए अलग मार्ग और दीपका क्षेत्र में बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की जाए। मंत्री ने मांगों पर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया।