
आठ चिकित्सकों को किया बर्खास्त
जांच समिति बनाई गई
महानगरपालिका आयुक्त बच्छानिधी को इसकी शिकायत मिली तो उन्होंने एक जांच समिति बनाई। इसकी जांच में वीएस अस्पताल में अवैध तरीके से क्लीनिकल ट्रायल की बात सामने आई।
ट्रायल लगभग 500 मरीजों पर किया गया
डॉ. देवांग राणा व आठ चिकित्सकों ने एक फर्जी एथिकल कमेटी बनाकर दवाओं के ट्रायल की मंजूरी प्राप्त कर ली थी। जांच में पता चला है कि 58 फार्मा कंपनियों की 38 प्रकार की दवाओं का ट्रायल लगभग 500 मरीजों पर किया गया। महानगरपालिका उपायुक्त भरत परमार ने बताया कि जांच समिति की प्राथमिक रिपोर्ट के बाद डॉ. राणा को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद इसमें संलिप्त आठ चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया गया।
गरीब मरीजों को पैसे का लालच देकर किया गया ट्रायल
ओपीडी में आने वाले गरीब मरीजों को पैसे का लालच देकर आरोपित चिकित्सक क्लीनिकल ट्रायल के लिए उन्हें तैयार करते थे।महानगरपालिका बोर्ड की बैठक में पहले भी एक पार्षद ने यह मामला उठाया था।
कई सरकारी अस्पतालों में अवैध रूप से क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं
महानगरपालिका में नेता विपक्ष शहजाद खान पठान ने सोमवार को प्रदर्शन कर वीएस अस्पताल में मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल का मुद्दा उठाया। इससे पहले महानगरपालिका बोर्ड की बैठक में उन्होंने यह मामला उठाया था। इसके बाद ही इसकी जांच शुरू हुई थी। कांग्रेस प्रवक्ता पार्थिवराज कछवाडिया का आरोप है कि राज्य के कई सरकारी अस्पतालों में अवैध रूप से क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं।