
जांजगीर-चांपा। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में प्रभारी सिविल सर्जन और डॉक्टरों के साथ स्टाफ नर्स और कर्मचारियों के बीच करीब डेढ़ माह से चल रहे विवाद के बीच शासन द्वारा तबादला आदेश जारी किया गया है। खास बात यह है कि इस तबादले में जिस प्रभारी सिविल सर्जन को हटाने की मांग की जा रही थी, उसे यहां से हटाकर पड़ोसी जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ में बतौर प्रभारी सिविल सर्जन भेजा रहा है। वहीं आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संगठन के पदाधिकारी डॉक्टर सहित तीन डॉक्टरों को सुकमा, नारायणपुर और खडग़ंवा की राह दिखा दी गई है।
गौरतलब है कि बैरिस्टर ठा. छेदीलाल जिला चिकित्सालय में पदस्थ प्रभारनी सिविल सर्जन और डॉक्टरों, स्टाफ नर्स और कर्मचारियों के बीच बीते मार्च महीने में विवाद शुरू हो गया था। इस दौरान डॉक्टर, स्टाफ नर्स और कर्मचारियों ने प्रभारी सिविल सर्जन पर प्रताडऩा व दुव्यर्वहार का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया था। प्रभारी सिविल सर्जन को हटाने की एक सूत्रीय मांग को लेकर डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ स्टाफ ने कई चरण में आंदोलन किए। इस दौरान ओपीडी का बहिष्कार, सामूहिक अवकाश लेकर हड़ताल किया गया, तो वहीं जिला व प्रदेश स्तर पर भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की गई। इस बीच डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन की संभागीय बैठक भी हुई और शासन स्तर पर मांगे रखी गई। इधर इन सबके बीच बीते 24 अप्रैल के डेट में चिकित्सा अधिकारियों व चिकित्सा विशेषज्ञों के प्रशासनिक आधार पर तबादला सूची जारी हुई है। इस सूची के अनुसार जिले में पदस्थ प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. दीपक कुमार जायसवाल को सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में प्रभारी सिविल सर्जन बनाया गया है। वहीं आंदोलन में शामिल रहे जिला चिकित्सालय के डॉक्टर इकबाल हुसैन को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नारायणपुर भेजा जा रहा है। इसी प्रकार चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपक कुमार साहू को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खडग़ंवा जिला एमसीबी और दंत चिकित्सक डॉ. विष्णु पैगवार का स्थानांतरण सुकमा जिले के दोरनापाल सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में किया गया है। बहरहाल कारण चाहे जो भी हो लेकिन विवाद के बाद प्रभारी सीएस के पड़ोसी जिला में और आंदोलन में शामिल 3 डॉक्टरों के दूरस्थ अंचलों में स्थानांतरण हो लेकर कई तरह की चर्चा हो रही है।
अन्य कर्मचारी का भी होना चहिए स्थानांतरण
जिला अस्पताल जांजगीर में पदस्थ कर्मचारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वह मरीजों से ठीक से बात नहीं करते और दिन-रात उनके व्यवहार मे तब्दीली देखी जाती है इसका कारण यह है कि अधिकतर कर्मचारी यहां स्थानीय है जो लंबे समय से पदस्थ होने के कारण अपने कार्यों के प्रति उदासीन नजर आते हैं । यहां पर पदस्थ नर्स एवं अन्य कर्मचारियों का भी स्थानांतरण किया जाना आवश्यक जो ठीक से यहां कार्य नहीं करते हैं।