कोरबा। छत्तीसगढ़ के प्रख्यात शिक्षाविद एवं राष्ट्रीय विचारक सतीश प्रकाश सिंह ने राज्य सरकार से स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य पदोन्नति समेत सभी संवर्गों के विवादों को समाप्त करने हेतु नए छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षिक एवं प्रशासनिक संवर्ग) भर्ती एवं पदोन्नति नियम, 2025 बनाने और शीघ्र लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू 2019 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम विवादों की जड़ बन चुके हैं, जिससे विभाग में कार्यरत शिक्षक समुदाय एवं विभिन्न शिक्षक संवर्गों के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी रहती है।
सतीश प्रकाश सिंह ने बताया कि हाल ही में 30 अप्रैल 2025 को राज्य शासन ने 12 वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति आदेश जारी किया था, लेकिन यह आदेश विभिन्न संवर्गों की आपसी खींचतान और न्यायालय में लंबित याचिकाओं के कारण कानूनी पचड़े में उलझ गया। फिलहाल हाईकोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी है और आगामी सुनवाई 7 मई 2025 को निर्धारित की गई है।उन्होंने स्पष्ट किया कि टी संवर्ग में 2013 के बाद से और ई संवर्ग में 2016 के बाद से प्राचार्य पदोन्नति नहीं हुई है, जिसके चलते प्रदेश के 3500 से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य नहीं हैं। कई वरिष्ठ शिक्षकों की सेवानिवृत्ति हो चुकी है और कुछ तो प्राचार्य बनने का सपना अधूरा लिए ही दुनिया से विदा हो गए।विभिन्न शिक्षक संवर्ग—नियमित व्याख्याता, मिडिल स्कूल प्रधान पाठक तथा व्याख्याता एल.बी.— के बीच प्राचार्य पदोन्नति को लेकर वर्षों से संघर्ष और विवाद जारी है। इन संवर्गों के द्वारा विभाग में ज्ञापन, धरना प्रदर्शन से लेकर हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। इन सभी समस्याओं की मूल वजह वर्ष 2019 के भर्ती एवं पदोन्नति नियम हैं, जिनकी कई धाराओं पर शिक्षक समुदाय में स्पष्ट सहमति नहीं है। सतीश प्रकाश सिंह ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वर्ष 2025 में नया भर्ती एवं पदोन्नति नियम तैयार किया जाए, जिसमें सभी संवर्गों के लिए स्पष्ट शर्तें—शैक्षणिक योग्यता, बी.एड./नॉन बी.एड., अनुभव की अवधि, पदोन्नति हेतु पात्रता-अपात्रता की स्थितियाँ—स्पष्ट रूप से परिभाषित हों। साथ ही इन नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने जानकारी दी कि आने वाले दिनों में माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधायकगण, सांसदगण, मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा सचिव एवं लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे पर ज्ञापन सौंपा जाएगा। साथ ही पूरे प्रदेश में पदोन्नति नियम बनाओ अभियान प्रारंभ किया जाएगा, ताकि शिक्षकों को न्याय मिल सके और विभाग में वर्षों से लंबित पदोन्नतियाँ शीघ्र सम्पन्न की जा सकें।