भोपाल। मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर की नायिका कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में बुधवार देर रात करीब 11 बजे इंदौर के महू तहसील क्षेत्र स्थित थाना मानपुर में एफआइआर दर्ज कर ली गई। यह एफआइआर मध्य प्रदे्श हाई कोर्ट के आदेश पर शासन की ओर से दर्ज कराई गई है।

एसपी हितिका वासल की निगरानी में लिखी गई एफआईआर

पुलिस ने बीएनएस की धारा 152, 196(1)(ख) और 197(1)(ग) के अंतर्गत प्रकरण दर्ज किया है। इस दौरान एसपी हितिका वासल और एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी भी थाने में मौजूद रहे। धारा 152 भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्य के लिए है। इसमें उम्रकैद या सात साल तक के कारावास का दंड प्रविधान है। धारा 196 (1)(ख) धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए है। इसमें पांच वर्ष तक का कारावास हो सकता है। धारा-197(1)(ग) राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले कार्यों से संबंधित है। इसके अंतर्गत तीन वर्ष के कारावास का प्रविधान है।इसके पहले सुबह हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई की थी। कोर्ट ने बयान की निंदा करते विजय शाह के विरुद्ध तत्काल एफआइआर दर्ज करने का आदेश डीजीपी को दिया था। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और अनुराधा शुक्ला की युगलपीठ ने स्पष्ट किया कि बुधवार को हर हाल में एफआइआर हो जानी चाहिए, अन्यथा गुरुवार सुबह डीजीपी के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई होगी।  कोर्ट ने स्पष्ट किया कि विजय शाह की टिप्पणी अलगाववादी गतिविधियों की भावनाओं को प्रोत्साहित करने या भारत की संप्रभुता, एकता व अखंडता को खतरे में डालने वाली है। हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय को आदेश दिया कि इसकी प्रति अविलंब डीजीपी को भेजें। कोर्ट ने 15 मई (गुरुवार) को मामला टॉप ऑफ द लिस्ट सुनवाई के लिए रखा है। रजिस्ट्रार (आइटी) से अपेक्षा की गई कि विजय शाह ने महिला सैन्य अधिकारी के विरुद्ध जो बयान दिया, उसकी वीडियो लिंक एकत्र कर कोर्ट के पटल पर रखें।