जांजगीर। बीटीआई चौक से खोखसा आरओबी तक हो रहे सडक़ चौड़ीकरण कार्य में सुरक्षा मापदंडों की अनदेखी की जा रही है। ठेकेदार ने लगभग 20 खंभों को शिफ्ट कराए बिना ही सडक़ का निर्माण करा दिया है। पीडब्ल्यूडी और बिजली विभाग के अफसरों ने भी इस पर चुप्पी साध रखी है, जिससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
जिला खनिज न्यास मद से इस सडक़ चौड़ीकरण और डिवाइडर निर्माण का कार्य पीडब्ल्यूडी द्वारा कराया जा रहा है। लगभग ढाई करोड़ के इस टेंडर में चार कंपनियों ने भाग लिया था, जिसमें 24 प्रतिशत कम दर पर मेसर्स जगनी कंस्ट्रक्शन को ठेका मिला। 26 दिसंबर 2024 को निर्माण आदेश जारी हुआ और इसे तीन माह में पूरा करना था, लेकिन मई तक भी कार्य अधूरा है। जल्दी कार्य पूरा करने के दबाव में ठेकेदार ने खंभों की वायर शिफ्टिंग नहीं कराई और सडक़ का निर्माण कर दिया। इससे खंभे सडक़ के भीतर 1 से 5 फीट तक आ गए हैं, जो रात के अंधेरे में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। अब यदि खंभों को हटाया गया तो सडक़ की मजबूती पर असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के अनुसार पहले खंभों को शिफ्ट कर निर्माण शुरू करना चाहिए था, लेकिन यहां न खंभे हटाए गए और न ही पेड़ों की कटाई की गई। बीटीआई चौक पर लगा सोलर लाइट भी सडक़ के निर्माण क्षेत्र के भीतर आ गया है। इसे लगाते समय नगर पालिका ने भविष्य में सडक़ चौड़ीकरण की संभावना पर ध्यान नहीं दिया, जिससे वाहन चालकों के लिए यह खतरा बन सकता है।
सडक़ का निर्माण मार्च तक पूरा होना था, लेकिन कार्य धीमी गति से चल रहा है। अब तेज गर्मी पड़ रही है और कई जगह से फॉल्ट आ रहे हैं। ऐसे में घंटों बिजली बंद करना मुश्किल है। खंभे शिफ्ट कराए बिना निर्माण कराना सही नहीं है। – सौरभ कश्यप, जेई, बिजली विभाग जांजगीर बिजली विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खंभों की शिफ्टिंग का कार्य ठेकेदार को कराना है। विभाग ने इसके खर्च का 15 प्रतिशत चार्ज लिया है। विभाग केवल मॉनिटरिंग करेगा और शिफ्टिंग के लिए बिजली बंद करेगा। पीडब्ल्यूडी की ईई ममता पटेल से संपर्क के प्रयास किए गए, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया और न ही कॉल बैक किया।