कोरिया बैकुंठपुर। गुरुघासीदास टाइगर रिजर्व फॉरेस्ट में बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया है। नन्हें मेहमानों का आना खुशी का पल है। लंबे समय बाद यह मौका आया है। वन विभाग द्वारा उक्त क्षेत्र को सुरक्षित कर दिया गया है ताकि कोई वहां आ और जा न सके। जंगल की ओर से जा रहे एक ग्रामीण की नजर सबसे पहले बाघ के शावकों पर पड़ी। उसने यह जानकारी वन अधिकारियों को दी।
सोनहत वन परिक्षेत्र और गुरुघासीदास राष्ट्रीय उद्यान सीमा के समीप बाघिन ने 2 शावकों को जन्म दिया है। यह सूचना ग्राम भलुवार निवासी एक ग्रामीण और संदीप सिंह ने दी। बताया जा रहा है कि खेत से घर जाने के दौरान ग्रामीण की नजर बाघ के शावकों पर पड़ी। इसके बाद उसने उसकी फोटो ली और वन गांव वालों को दिखाया। इसकी सूचना मिलते ही सोनहत रेंजर अजीत सिंह दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे, लेकिन वहां न तो शावक और न ही बाघिन मिली। बारिश के कारण पंजों के निशान भी मिट गए थे। इसके बाद आस-पास के गांवों के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि आज ही शावकों को बाघिन के साथ देखा गया है। पुष्टि होने के बाद रेंजर ने ग्रामीणों को जंगल से दूरी बना कर रखने और सबंधित स्थान के आस-पास न जाने कहा। वहीं बाघिन व शावक के बारे में जानकारी मिलने पर सूचना देने कहा है।
राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में जाने की संभावना
सबंधित स्थल से नेशनल पार्क का एरिया महज 100 मीटर की दूरी पर है। आशंका जताई जा रही है कि बाघिन अपने दोनों शावकों के साथ भलुआर क्षेत्र से राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में प्रवेश कर गई होगी।
लंबे समय बाद आई खुशखबरी
लंबे समय से राष्ट्रीय उद्यान से खुशखबरी आई है। इससे पूर्व 2 बाघों के मारे जाने की खबर भी आई थी। बाघों का शव मिलने के बाद वन विभाग के आला अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई थी।