नोएडा। नोएडा सेक्टर 12 स्थित मेट्रो मेडिकल सर्विसेज कंपनी कार्यालय के पूर्व प्रबंधक ने दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से कैशलैस उपचार के 75 लाख रुपये का भुगतान अपने व्यक्तिगत बैंक खाते में लेकर धोखाधड़ी की। फिर नौकरी छोड़ दी।आरोपित ने अधिकृत मेल आइडी से खाता बदलने संबंधी फर्जी मेल कर फर्जीवाड़े को अंजाम दिया। पिछले महीने कंपनी प्रबंधन को एमसीडी अधिकारियों से भुगतान के संबंध में जानकारी करने पर फर्जीवाड़े का पता चला। कंपनी प्रबंधन ने पूर्व प्रबंधन के खिलाफ सेक्टर 24 थाने में मामला दर्ज कराया है। मेट्रो ग्रुप हास्पिटल और मेडिकल सर्विसेज ग्रुप के कैंसर हास्पिटल यूनिट में दिल्ली एमसीडी के कर्मचारियों का कैशलेस उपचार होता है। गाजियाबाद वसुंधरा के रहने वाले वैभव कुमार प्रबंधक रिकवरी थे। वह ही पैनल से संबंधित पेमेंट का जिम्मा संभालते थे।उन्होंने 21 अप्रैल 2025 को नौकरी छोड़ दी थी। कंपनी कार्यालय में कार्यरत रिकवरी हेड गोविंद शर्मा पांच मई को पेमेंट के संबंध में दिल्ली सिविक सेंटर एमसीडी कार्यालय गए थे। वहां पर पता चल कि सात मार्च को कंपनी के बैंक खाते 74.90 लाख रुपये का पेमेंट की गई, लेकिन इसके संबंध में मना किया तो मेल आइडी, पेमेंट होने संबंधी दस्तावेज दिखाए।बैंक खाते में बारे में जानकारी करने पर पता चला कि वैभव ने ई-मेल कर दूसरे खाते में रकम ट्रांसफर कराई थी। पहले बैंक खाते में तकनीकी खामी आने की बात कहते हुए एमसीडी को यश बैंक का नया खाता दिया था। मेल आइडी कंपनी की अधिकृत थी, इसलिए एमसीडी की ओर से खाते में पेमेंट की गई थी। एडीसीपी नोएडा सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि तहरीर के आधार पर वैभव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।
फर्जीवाड़े में शामिल अन्य लोगों और सभी पहलुओं पर जानकारी जुटाई जा रही है।